Acn18.com/राजस्थान के दौसा में महंगाई राहत कैम्प में पहुंचे पांच बच्चों की कहानी सुनकर किसी का भी दिल पसीज जाए। बच्चों के पिता की मौत हो चुकी है। सरकारी योजनाओं का लाभ मां ने उठाया और फिर अपने प्रेमी के साथ भाग गई। इससे पांचों बच्चे अनाथ हो गए। उनके पास न तो खाने-पीने की व्यवस्था है और न ही पढ़ने-लिखने की। उन्होंने सरकार से मदद की गुहार लगाई है।
मंडावर क्षेत्र के निवासी रमेश मीणा ही अपने भतीजे और भतीजियों के साथ शिविर में पहुंचे थे। उन्होंने कहा कि मेरा भाई टीकाराम बीमार रहता था। तभी उसकी पत्नी अपने प्रेमी के साथ भाग गई थी। 14 जुलाई को टीकाराम की मौत के बाद उसकी पत्नी आई। कुछ दिन साथ रही। सरकारी योजनाओं के तहत लाभ उठाया और फिर प्रेमी के साथ जाकर रहने लगी। इस दौरान उसने टीकाराम का मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाया। विधवा पेंशन लेने लगी। पालनहार योजना में भी बच्चों का हवाला देकर लाभार्थी बन गई। प्रधानमंत्री योजना के तहत दो लाख रुपये भी उसे मिले। यह सारे फायदे उठाने के लिए वह बच्चों के साथ आठ महीने रुकी रही। फिर बच्चों को अनाथ छोड़कर चली गई। पांच बच्चों में चार बेटियां काजल, मनीषा, पायल, अनिता क्रमशः सात, नौ, दस और 11 साल की हैं, जबकि बेटा अंशु तो सिर्फ चार साल का है।
ताऊ ने लगाई गुहार
दौसा के हैल्देना में आयोजित सरकार के महंगाई राहत शिविर में रमेश मीणा समाज सेवी भुवनेश त्रिवेदी और ग्राम पंचायत रसीदपुर के पूर्व सरपंच कालू राम योगी सहित ग्रामीणों के साथ पहुंचे। बच्चों के ताऊ रमेश मीणा का कहना है कि छोटे भाई की पत्नी बच्चों को अनाथ छोड़कर चली गई। बच्चों को मैं पाल रहा हूं लेकिन आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है। बच्चों का कोई और सहारा भी नहीं है। मां के खिलाफ मंडावर थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई है। पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। सरकार इन बच्चों का पालन-पोषण करें। खाने-पीने, पढ़ाई-लिखाई की व्यवस्था करें।
प्रेमी के साथ रहती है मां
रमेश का कहना है कि इन बच्चों की मां जब घर छोड़कर गई तो उसे तलाशा। पता चला कि वह जिले में ही नजदीकी गांव में एक युवक के साथ रह रही है। भाई की मौत के बाद बच्चों के पालन-पोषण की जिम्मेदारी उनकी मां की है। उसे जिसके साथ रहना है वह रहे, लेकिन इन बच्चों की देखभाल नहीं करना बड़ा अपराध है। उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।