Acn18.com/छत्तीसगढ़ के भिलाई में बने प्रदेश के सबसे बड़े जू मैत्री बाग में जल्द नए मेहमान लाए जाएंगे। जू प्रबंधन रायपुर स्थित जंगल सफारी से नए वन्य प्राणियों को यहां लाने की प्लानिंग कर रहा है। लंबे समय से यहां वन्य प्राणियों का एक्सचेंज नहीं हुआ था। इसके चलते यहां वन्य प्राणियों को संख्या में भी कमी आई है। पर्यटक खाली पिंजरों को देखकर निराश हो रहे थे। इसे देखते हुए बीएसपी प्रबंधन ने यह निर्णय लिया है।
मैत्री बाग जू प्रबंधन से मिली जानकारी के मुताबिक कोरोना काल के बाद से मैत्रीबाग में जानवरों का एक्सचेज नहीं हो सका है। जिसके चलते यहां बंगाल टाइगर, गुजरात लायन और लेपर्ड की संख्या कम हो गई है। इससे यहां आने वाले पर्यटक भी काफी निराश हो रहे हैं। कई लोगों ने इसकी शिकायत भी वहां की है। इसको देखते हुए प्रबंधन इन जानवरों को लाकर फिर एक बार पर्यटकों के चेहरे पर मुस्कान बिखेरेगा। आपको बता दें कि भिलाई का मैत्रीबाग सोवियत रूस और भारत की मित्रता के प्रतीक के रूप में बनाया गया था। इसे भिलाई इस्पात संयंत्र ने 1972 में तैयार किया था। अविभाजित मध्यप्रदेश में भी इसे सबसे बड़े चिड़ियाघर के रूप में पहचाना जाता था। अभी भी ये छत्तीसगढ़ राज्य का सबसे बड़ा जू है। यहां पर्यटकों को सफेद शेरय, लेपर्ड, स्नेक, मंकी, मगरमच्छ, बर्ड जैसे वन्य प्राणि और पक्षी देखने को मिलते हैं।
अगले सप्ताह रायपुर जाएगी बीएसपी की टीम
मैत्रीबाग प्रबंधन और बीएसपी हार्टिकल्चर डिपार्टमेंट के डीजीएम डॉ. एनके जैन ने बताया कि 51 साल पुराने इस गार्डन में नए मेहमान को लाने के लिए एक टीम अगले सप्ताह रायपुर स्थित जंगल सफारी जाएगी। वहां एक्सचेंज के लिए बात रखी जाएगी। अगर बात बनी तो जल्द ही नए वन्यप्राणि भिलाई लाए जाएंगे और से रायपुर भेजे जाएंगे। इसके लिए बीएसपी प्रबंधन ने रायपुर के अलावा दूसरी जगहों के चिड़ियाघरों से भी बात की है।
हर साल आयोजित होता है फ्लावर शो
भिलाई इस्पात संयंत्र के नगर सेवाएं उद्यानिकी विभाग द्वारा हर साल जनवरी या फरवही माह में फ्लावर शो का आयोजन किया जाता है। जिसमें बीएसपी एवं नान बीएसपी क्षेत्र के आवासीय व शालेय बागवानी, गमलों में लगे केक्टस, बोनसाई, क्रोटन, फोलियेज़ एवं मौसमी पौधों सेवंती, डहेलिया गुलाब और उन्ही पौधों के कट फ्लावर, पुष्प-सज्जा, छात्राओं एवं महिलाओं की रंगोली प्रतियोगिता के साथ ही बीएसपी कर्मियों के घर के बगीचों में उत्पादित विशेष सब्जियों व फलों का प्रदर्शन किया जाता है। इसके अलावा बीएसपी एवं निजी स्कूलों के मध्य गुलदस्ता (बुके) एवं सलाद बनाने की प्रतियोगिता भी आयोजित की जाती है।