Acn18.com/भारतीय कुश्ती संघ के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण सिंह के खिलाफ चल रहे पहलवानों के आंदोलन का अब नक्सलियों ने भी समर्थन किया है। नक्सलियों की महिला संगठन ने कहा है कि, देश का नाम रोशन करने वाले पहलवानों को जिस तरह से घसीटा गया, उनके साथ दुर्व्यवहार किया गया यह निंदनीय है। लेकिन, हमारी बहनों ने तिरंगा झुकने नहीं दिया। अब लोकतंत्र के प्रेमी इनके आंदोलन को समर्थन दें।
दरअसल, नक्सलियों की क्रांतिकारी आदिवासी महिला संगठन दंडकारण्य कमेटी की प्रवक्ता और खूंखार नक्सली रामको ने प्रेस नोट जारी किया है। प्रेस नोट के माध्यम से रामको ने कहा कि, इंसाफ की गुहार लगाने वाली हमारी बच्चियों के साथ ही नाइंसाफी हुई है। देश को सम्मान दिलाने वाली बहनों को राजधानी दिल्ली की सड़कों पर अपमानित किया गया है। इनके साथ हुए इस दुर्व्यवहार से महिला विरोधी और दमनकारियों का चेहरा सामने आया है।
रामको ने कहा कि शांतिपूर्वक चलने वाले इनके विरोध प्रदर्शन पर बल का प्रयोग किया गया है। खिलाड़ियों के धरना शिविर को उखाड़ फेंका गया। उल्टा आंदोलनकारियों पर ही केस दर्ज कर दिया गया। उन्हें जबरन घसीटते हुए अरेस्ट किया गया। यह बेहद ही निंदनीय है। नए संसद भवन के बाहर जब ये सब हो रहा था तो उस समय बृजभूषण सिंह भवन के अंदर मीडिया के सामने अपने चहेरे को दिखा रहे थे। नक्सली लीडर ने कहा कि, लोकतंत्र प्रेमी खिलाड़ियों के समर्थन में उतरें।
बृजभूषण सिंह के खिलाफ धरना देने वाले पहलवानों ने हर की पौड़ी में अपने मेडल गंगा में बहाने का फैसला टाल दिया है। पहलवान मेडल बहाने के लिए हरिद्वार पहुंचे थे। खबर लगते ही भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष नरेश टिकैत वहां पहुंचे। पहलवानों से बात कर उन्होंने केंद्र सरकार को कार्रवाई के लिए 5 दिन का अल्टीमेटम दिया है। टिकैत ने पहलवानों से मेडल्स और मोमेंटो वाली पोटली भी ले ली है। उन्होंने कहा कि इन्हें राष्ट्रपति को देंगे। सभी खिलाड़ी हरिद्वार से घर के लिए रवाना हो गए। इससे पहले साक्षी मलिक, बजरंग पूनिया और विनेश फोगाट करीब एक घंटे तक हर की पौड़ी में बैठकर मेडल पकड़े रोते रहे।