Acn18.com/BJP नेता और मुलायम सिंह यादव की छोटी बहू अपर्णा यादव ने मंगलवार को सुंदरकांड लॉन्च किया। अपर्णा ने सुंदरकांड का पाठ अपनी आवाज में किया है। दिवंगत संगीतकार आदेश श्रीवास्तव ने इसका म्यूजिक तैयार किया है। लखनऊ में तीसरे बड़े मंगलवार को लॉन्चिंग के दौरान अपर्णा ने कहा, “भले ही विपक्ष ये कह रहा हो कि कर्नाटक में हनुमानजी का फॉर्मूला फेल हो गया। मगर, यूपी में हनुमानजी हम लोगों को अच्छे नंबर दिलाएंगे।”
उन्होंने कहा, ”यह फॉर्मूला यूपी में फेल कभी नहीं हो सकता। पिछले चुनावों में मैंने एक नारा दिया था कि लड़ेंगे हनुमान की तरह और जीतेंगे श्रीराम की तरह, तो यही बात यूपी में भी आने वाले समय में लागू होगी।”
जियो म्यूजिक, गाना पर सुन सकेंगे पाठ
अपर्णा ने कहा, “सुंदरकांड के इस ऑडियो वर्जन को यू-ट्यूब, जीओ म्यूजिक, गाना पर सुना जा सकता है। लॉन्चिंग के दौरान बच्चों के साथ सुंदरकांड का पाठ किया गया। फिर बच्चों को प्रभु श्रीराम और हनुमानजी की तस्वीरें भेंट की गईं। आयोजन में डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक को आना था, मगर वो किसी वजह से नहीं पहुंच सके।
अब आपको अचानक सुंदरकांड के ऑडियो वर्जन की लॉन्चिंग को लेकर सियासत भी बताते हैं…
यूपी के चुनाव में राम-हनुमान हमेशा से हिट मुद्दा
दरअसल, लोकसभा चुनाव से पहले यूपी की 80 सीटों को लेकर सियासत शुरू हो चुकी है। सभी पार्टियां अपने कोर वोट बैंक को लुभाने का प्रयास कर रही हैं। एक तरफ कांग्रेस कर्नाटक चुनाव के दौरान, बजरंग दल पर प्रतिबंध करने का ऐलान कर चुकी है। वहीं भाजपा ने पूरे चुनाव में बजरंगबली का खूब सहारा लिया। हालांकि, नतीजे भाजपा के पक्ष में नहीं रहे।
मगर पार्टी के वरिष्ठ नेता जानते हैं कि यूपी की सियासत में श्रीराम और हनुमानजी का मुद्दा हिट रहता है। यही कारण है कि आज सुंदरकांड का पाठ लॉन्च किया गया है।
सपा छोड़ बीजेपी का थामा दामन
पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव के छोटे बेटे प्रतीक की पत्नी अपर्णा यादव लखनऊ में स्वयंसेवी संस्थान भी चलाती हैं। अपर्णा समाजवादी पार्टी के टिकट पर कैंट विधानसभा से चुनाव भी लड़ चुकी हैं। लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। इसके बाद उन्होंने बीजेपी का दामन थाम लिया। बीजेपी में शामिल होने के बाद से अब तक अपर्णा यादव ने एक भी चुनाव नहीं लड़ा है।
निकाय चुनाव में नहीं मिला अपर्णा को टिकट
हाल ही में यूपी में नगर निकाय चुनाव हुए। इसमें अपर्णा यादव को उम्मीद थी कि बीजेपी उन्हें लखनऊ से मेयर पद का प्रत्याशी बना सकती है। लेकिन टिकट नहीं मिला। जिस पर अपर्णा यादव ने यह साफ कहा कि मैं किसी लालच के तहत पार्टी में नहीं आई हूं। मैंने पार्टी उस समय ज्वाइन की थी, जब 6 मंत्रियों ने पार्टी छोड़ा था।