spot_img

UP Nikay Chunav: भाजपा के वोट बढ़े… पर नहीं चला मुस्लिम दांव, सपा को लाभ, कांग्रेस को नुकसान; BSP को भी झटका

Must Read

Acn18.com/करीब डेढ़ माह चली नगर निगम चुनाव प्रक्रिया में दावे-प्रतिदावे तो खूब हुए लेकिन अब परिणाम आने के बाद हकीकत सामने आ चुकी है। राजनीतिक दल नफा-नुकसान के आकलन में जुटे हैं। कांग्रेस और बसपा जैसे दलों के सामने तो अस्तित्व बचाने का संकट सामने आ खड़ा हुआ है, जबकि भाजपा और सपा फायदे के बावजूद लक्ष्य हासिल न कर पाने के कारणों को तलाश रहे हैं।

इस नगर निगम चुनाव में भाजपा अपना वोट बैंक तकरीबन छह फीसदी बढ़ा पाने में कामयाब हुई है, जबकि सपा का वोट बैंक लगभग दोगुना हो गया है। सबसे बड़ा झटका कांग्रेस को लगा है, जिसने पांच साल के अंदर अपने 66 फीसदी से अधिक वोट गंवा दिए।

- Advertisement -

पिछले चुनावों में पार्षदों की संख्या और वोट प्रतिशत के लिहाज से दूसरे नंबर पर रहने वाली यह पार्टी इस बार खिसककर तीसरे नंबर पर आ गई है। बसपा का हाल भी बुरा है। उसका एक भी प्रत्याशी पार्षद नहीं बन सका है। पांच साल में करीब 40 फीसदी वोट बसपा ने गंवा दिए हैं।

भाजपा: दस मुस्लिम प्रत्याशी जुटा सके सिर्फ 4192 वोट
42.09 प्रतिशत वोट मिले थे 2017 में
48.0 प्रतिशत वोट मिले हैं 2023 में

नगर निगम चुनाव में भाजपा को लगातार दूसरी बार स्पष्ट बहुमत मिला है। पिछली बार कमल के भरोसे चुनाव जीतकर 58 पार्षद जीतकर सदन पहुंचे थे। इस बार 63 ने जीत दर्ज की है। हालांकि भाजपा ने इस चुनाव में मुस्लिम प्रत्याशी को उतारने का नया प्रयोग किया था जो फेल हो गया। भाजपा के 10 मुस्लिम उम्मीदवारों को कुल 4192 वोट ही मिल पाए।

वार्ड नंबर 109 नाजिरबाग से पार्टी ने गुफरान को मैदान में उतारा था पर इनका पर्चा ही खारिज हो गया था। इसके बाद बचे 10 मुस्लिम पार्षद प्रत्याशियों ने चुनाव लड़ा पर सभी बुरी तरह हार गए। इनमें से कोई मुख्य मुकाबले में भी नहीं दिखा।
वार्ड 73 से चुनाव लड़े एजाज अहमद को सबसे अधिक 916 वोट मिले, जबकि वार्ड 108 में रईस बाबू को 304, वार्ड 96 से शमशुल अहमद 570, वार्ड 107 से मीनू खान 495, वार्ड 99 से नजमा खातून को 255, वार्ड 110 से नासिर मूसा को 70, वार्ड 97 से मुन्ना नवाब को 766, वार्ड 102 से रफत को 215, वार्ड 05 से मोहम्मद फैसल को 180, वार्ड 83 से नजमा बेगम को 784 वोट ही मिले।
इस बार पार्टी ने 109 उम्मीदवार उतारे थे। इनमें 63 को जीत मिली, जबकि 28 पर उसके प्रत्याशी दूसरे स्थान व नौ वार्डों में तीसरे स्थान पर रहे। 26 की जमानत जब्त हुई है। रतनलाल नगर में प्रत्याशी पर वोट जमकर बरसे। यहां पार्षद बने नीरज गुप्ता को 6060 वोट मिले। वहीं कर्नलगंज में पार्टी को सबसे कम 67 वोट मिले। यहां आठ उम्मीदवारों में उसका प्रत्याशी छठवें स्थान पर रहा।

सपा: पार्षद का कुनबा भी बढ़ा और वोट प्रतिशत भी

13.05 प्रतिशत वोट मिले थे 2017 में
28.63 प्रतिशत वोट मिले हैं 2023 में
निकाय चुनाव में सपा भले अपना महापौर बनाने में कामयाब न रही हो लेकिन उसके 17 पार्षद मोतीझील पहुंच गए हैं। पिछले सदन के मुकाबले पांच ज्यादा हैं। पिछले निकाय चुनाव में पार्टी को 13.05 फीसदी वोट हासिल हुए थे। जो इस बार दोगुने से भी ज्यादा होकर 28.63 फीसदी पहुंच गया है। उसके पार्षद प्रत्याशियों को कुल 165060 वोट मिले।
सपा ने इस बार 103 सीटों पर उम्मीदवारों को उतारा था। इनमें आधे यानी 51 अपनी जमानत बचाने में कामयाब रहे, जबकि 52 की जब्त हो गई। 17 वार्डों में जीत मिली, जबकि 35 वार्ड में उसके उम्मीदवारों को दूसरे स्थान से संतोष करना पड़ा। 24 प्रत्याशी तीसरे स्थान पर रहे। साइकिल को सबसे ज्यादा 3955 वोट बाबूपुरवा कालोनी और सबसे कम 104 वोट कृष्णानगर व जनरलगंज में मिले।
कैंट विधानसभा क्षेत्र में सपा का प्रदर्शन सबसे अच्छा रहा। पांच वार्ड बेगमपुरवा, बाबूपुरवा, जाजमऊ उत्तरी, चंदारी और बाबूपुरवा कालोनी में जीत दर्ज की है, जबकि चार में दूसरे स्थान पर रही। महाराजपुर में सपा को 2, आर्यनगर मेें 7 और गोविंदनगर विधानसभा में पनकी और गोविंदनगर हरिजन बस्ती में जीत मिली है।
कांग्रेस: पांच साल में 21 फीसदी खो दिया जनाधार
31.00 प्रतिशत वोट मिले थे 2017 में
10.00 प्रतिशत वोट मिले हैं 2023 में

चुनाव दर चुनाव कानपुर में सिमटती जा रही कांग्रेस ने पिछले पांच साल में 21 फीसदी जनाधार खो दिया है। वर्ष 2017 के निकाय चुनाव में 31 फीसदी वोट पाकर 18 पार्षद जितवा लेने वाली कांग्रेस को इस बार महज 10 फीसदी ही वोट ही मिले। उसके 13 पार्षद चुने गए हैं, जबकि वर्ष 2007 में 28 और 2012 में 22 पार्षद थे।

110 वार्ड वाले सदन में कांग्रेस ने इस बार 106 प्रत्याशी उतारे थे। इन प्रत्याशियों को कुल 117846 वोट मिले हैं। इनमें से 64 उम्मीदवार जमानत तक नहीं बचा पाए। 13 वार्डों में कांग्रेस उम्मीदवार विजयी प्रत्याशी को सीधी टक्कर देकर दूसरे स्थान पर रहे। 22 वार्ड में तो कांग्रेस तीसरे पर रही। जनरलगंज में तो कांग्रेस को सबसे कम 96 वोट ही मिले।

बिनगवां, ख्योरा, हंसपुरम, पुराना कानपुर, गांधीनगर और हरबंश मोहाल में पार्टी को 150 वोट भी न मिल सके। सबसे ज्यादा 4779 वोट पार्टी को गोविंद नगर दक्षिणी इलाके में मिले। वहीं विधानसभा क्षेत्र के लिहाज से देखें तो कैंट क्षेत्र में सिर्फ जाजमऊ दक्षिण सीट पर नूरैन अहमद जीत दर्ज कर सके। गोविंदनगर क्षेत्र में निरालानगर, गोविंद नगर दक्षिणी और गुजैनी कालोनी में जीत मिली, जबकि महाराजपुर, आर्यनगर और किदवईनगर में तीन-तीन सीटें कांग्रेस की झोली में आईं।
बसपा: खाता खुला नहीं, प्रत्याशियों को निर्दलीयों से भी कम वोट
08.71 प्रतिशत वोट मिले थे 2017 में
05.68 प्रतिशत वोट मिले हैं 2023 में

शहरी इलाकों में सिमटती जा रही बसपा इस नगर निगम चुनाव में पूरी तरह हाशिए पर चली गई। पिछली बार 8.71 वोट पाने वाली इस पार्टी को इस बार 5.68 फीसदी वोट मिले हैं। इस बार उसका खाता तक नहीं खुला। पार्षदी के लिए पार्टी ने 74 उम्मीदवारों को मैदान में उतारा था, इन प्रत्याशियों को कुल 45956 वोट मिले हैं, जो निर्दलीयों को मिले वोट से भी कम हैं। पांच को छोड़कर बाकी की जमानत भी जब्त हो गई। कलक्टरगंज में पार्टी को सबसे कम 29 वोट मिले हैं, हालांकि तीन वार्ड में बसपा के प्रत्याशी दूसरे स्थान पर भी रहे। 14 वार्डों में उन्हें तीसरा स्थान मिला है। सबसे ज्यादा 2305 वोट विष्णुपुरी में मिले हैं।

377FansLike
57FollowersFollow
377FansLike
57FollowersFollow
Latest News

पेंड्रा में मालगाड़ी के 23 डिब्बे डिरेल:इंजन सहित पटरी से उतरकर पलटे, ट्रैक पर कोयले का ढेर, 6 ट्रेनें कैंसिल; 9 का रूट-डायवर्ट

छत्तीसगढ़ के गौरेला-पेंड्रा-मरवाही जिले में मंगलवार को कोयला ले जा रही मालगाड़ी डिरेल हो गई। इंजन सहित 23 डिब्बे...

More Articles Like This

- Advertisement -