‘एक देश-एक चुनाव’ के लिए पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में बनाई गई समिति के लिए सरकार ने शनिवार को आठ सदस्यों का नाम जारी किया।
इनमें केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी और राज्यसभा में पूर्व नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी का नाम शामिल रहा।
इनके अलावा समिति में 15वें वित्त आयोग के पूर्व अध्यक्ष एनके सिंह, लोकसभा के पूर्व महासचिव डॉ. सुभाष कश्यप, वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे और पूर्व मुख्य सतर्कता आयुक्त संजय कोठारी भी हैं।
केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल समिति में विशेष आमंत्रित सदस्य और विधि विभाग के सचिव नितेन चंद्र समिति के सचिव होंगे।
सरकार ने शनिवार को ही समिति के कामकाज की अधिसूचना भी जारी की। इसके मुताबिक, समिति यह भी देखेगी कि इसके लिए राज्यों की सहमति कितनी जरूरी है या कितने राज्यों की सहमति जरूरी होगी।
वहीं, कांग्रेस ने इस समिति को संसदीय लोकतंत्र को खत्म करने की साजिश बताया। शनिवार रात अधीर रंजन चौधरी ने कमेटी में शामिल होने से इनकार करते हुए कहा कि नतीजे पहले से ही तय हैं।
अधीर रंजन बोले- खड़गे को समिति में शामिल न करना संसदीय लोकतंत्र का अपमान
कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने गृहमंत्री शाह को भेजे पत्र में कहा है कि इस समिति का गठन ऐसे किया गया है कि नतीजे पहले से तय हो सकें। आम चुनाव से पहले ऐसी समिति सरकार के गुप्त मंसूबों की ओर इशारा करती है, जिसमें संवैधानिक रूप से एक संदिग्ध व्यवस्था को लागू करने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने कहा कि राज्य सभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को शामिल नहीं करना संसदीय लोकतंत्र का अपमान है।