acn18.com तुर्किये/ मिडिल ईस्ट के चार देश तुर्किये (पुराना नाम तुर्की), सीरिया, लेबनान और इजराइल सोमवार सुबह भूकंप से हिल गए। सबसे ज्यादा तबाही एपिसेंटर तुर्किये और उसके नजदीक सीरिया के इलाकों में देखी जा रही है। तुर्किये में अब तक 284 लोगों की जान चली गई है और 2,300 लोगों के घायल होने की खबर है। वहीं, सीरिया में 237 लोग मारे गए और 639 जख्मी हैं। लेबनान और इजराइल में भी झटके महसूस किए गए, लेकिन यहां नुकसान की खबर नहीं है।
भूकंप का एपिसेंटर तुर्किये का गाजियांटेप शहर था। यह सीरिया बॉर्डर से 90 किमी दूर है। इसलिए इसके आसपास के इलाकों में ज्यादा तबाही हुई। इसका असर भी दिख रहा है। दमिश्क, अलेप्पो, हमा, लताकिया समेत कई शहरों में इमारतें गिरने की खबर है। वहीं भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तुर्कीये में आए भूकंप में जान गंवाने वालों को श्रद्धांजलि दी। उन्होंने कहा कि 140 करोड़ भारतीयों की संवेदनाएं तुर्किये के साथ हैं।
18 आफ्टर शॉक आए, 5 से ज्यादा झटकों की तीव्रता 7 से ज्यादा
यूनाइटेड स्टेट्स जियोलॉजिकल सर्वे (USGS) के मुताबिक, 7.8 तीव्रता के भूकंप के बाद 18 आफ्टर शॉक्स रिकॉर्ड किए गए। इनकी तीव्रता 4 से ज्यादा थी। पहले भूकंप के बाद आए 7 झटकों की तीव्रता 5 से ज्यादा थी। एक्सपर्ट्स का कहना है कि अगले कुछ घंटों और दिनों तक आफ्टर शॉक्स महसूस किए जाएंगे।
तुर्किये में 30 मिनट में लगातार 3 बड़े भूकंप आए
तुर्किये में 30 मिनट के अंदर भूकंप के 3 बड़े झटके महसूस किए गए। पहले भूकंप का केंद्र तुर्किये के कहरामनमारस प्रांत के गाजियांटेप शहर से 30 किलोमीटर दूर और जमीन से करीब 24 किलोमीटर नीचे था।
लोकल समय के मुताबिक, ये भूकंप सुबह 4 बजकर 17 मिनट पर आया। 6.7 तीव्रता का दूसरा झटका 11 मिनट बाद यानी 4 बजकर 28 मिनट पर आया। इसका केंद्र जमीन से 9.9 किलोमीटर नीचे था। इसके 19 मिनट बाद यानी 4:47 बजे 5.6 तीव्रता का तीसरा भूकंप भी आया।
इन शहरों में हुई सबसे ज्यादा तबाही : अंकारा, गाजियांटेप, कहरामनमारस, डियर्बकिर, मालट्या, नूरदगी समेत 10 शहरों में भारी तबाही हुई। यहां 1,710 से ज्यादा बिल्डिंग गिरने की खबर है। कई लोग मलबे के नीचे दबे हैं। लोगों को बचाने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है। कई इलाकों में इमरजेंसी लागू कर दी गई है।
100 साल बाद आया इतना खरतरनाक भूकंप, 10 हजार लोग मर सकते हैं
उधर, यूनाइटेड स्टेट्स जियोलॉजिकल सर्वे (USGS) ने चौंकाने वाली बात कही है। इसके आंकड़ों के मुताबिक- तुर्कीये में मरने वालों की संख्या एक हजार हो गई है। यह संख्या 10 हजार तक पहुंच सकती है।’
USGS ने इसके पीछे तर्क दिया कि 1939 में 7.8 तीव्रता का भूकंप आया था। तब 30 हजार लोगों की मौत हुई थी। वहीं, 1999 में 7.2 तीव्रता का भूकंप आया था, तब 845 लोगों की जान गई थी।
अब फोटो में देखिए तबाही…