केंद्र सरकार ने 18 से 22 सितंबर तक संसद का विशेष सत्र बुलाया था। मगर यह सेशन एक दिन पहले 21 सितंबर को ही खत्म हो गया। यह स्पेशल सेशन पूरी तरह से महिला आरक्षण बिल और नई संसद के नाम रहा। महिला आरक्षण बिल नई संसद में पेश और पास होने वाला पहला बिल बना।
सत्र की शुरुआत 18 सितंबर को पुरानी संसद से हुई। 19 सितंबर को सत्र की कार्यवाही नई संसद में शिफ्ट हो गई। इसी दिन लोकसभा में महिला आरक्षण बिल यानी नारी शक्ति वंदन विधेयक पेश किया गया।
20 सितंबर को लोकसभा में 7 घंटे की चर्चा के बाद यह बिल पास हो गया। इसके पक्ष में 454 और विरोध में 2 वोट पड़े। 21 सितंबर को बिल राज्यसभा में पेश हुआ। सदन में मौजूद सभी 214 सांसदों ने बिल का समर्थन किया और बिल पास हो गया। इसके बाद राज्यसभा और लोकसभा को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया।
अब आगे क्या: बिल विधानसभाओं में भेजा जाएगा। 50% विधानसभाओं से पारित होने के बाद राष्ट्रपति के पास भेजा जाएगा। उनके हस्ताक्षर से यह कानून बन जाएगा। कानून बनने के बाद लोकसभा और राज्यों की विधानसभाओं में 33% सीटें महिलाओं के लिए रिजर्व हो जाएंगी।