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45 हजार संविदाकर्मी आज से हड़ताल पर:काम बंद कर रहे कर्मचारी, बोले- 90 विधायक, 33 जिलों के कलेक्टर, किसी ने हमारी नहीं सुनी

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Acn18.com/छत्तीसगढ़ के 45000 संविदा कर्मियों आज से अनिश्चितकालीन आंदोलन का ऐलान कर दिया है। कर्मचारियों की नाराजगी कांग्रेस की ओर से नियमितीकरण का वादा पूरा नहीं करने की वजह से है। छत्तीसगढ़ सर्व विभागीय संविदा कर्मचारी महासंघ के बैनर तले यह आंदोलन पूरे प्रदेश में किया जा रहा है ।

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जिन विभागों के कर्मचारी हड़ताल पर गए हैं, उनमें स्वास्थ्य, मनरेगा, पंचायत, कृषि, शिक्षा, महिला एवं बाल विकास विभाग, प्रधान मंत्री ग्राम सड़क योजना, जैसे डिपार्टमेंट शामिल हैं जिनमें कामकाज इस हड़ताल की वजह से प्रभावित होगा।

बीते 4 सालों से अलग-अलग समय पर कर्मचारी संगठन आंदोलन करते रहे हैं। कर्मचारी नेताओं ने आरोप लगाया है कि कई बार बातचीत की पहल करने के बावजूद प्रशासनिक अफसरों ने कोई चर्चा नहीं की और ना ही इनकी मांगों पर ध्यान दिया। मजबूर होकर अब अनिश्चितकालीन हड़ताल का ऐलान कर्मचारियों को करना पड़ा है।

90 विधायक मगर एक ने नहीं सुनी
छत्तीसगढ़ सर्व विभागीय संविदा कर्मचारी महासंघ ने 16 मई को जांजगीर-चांपा कि शिवरीनारायण से संविदा नियमितीकरण रथ यात्रा निकाली थी। यह रथयात्रा 33 जिलों से गुजरी। सभी जिला कलेक्टरों और 90 विधानसभा इलाकों में 90 विधायकों से मिलकर कर्मचारी उन्हें अपनी समस्या बताते रहे। मगर एक ने इनकी नहीं सुनी। कर्मचारियों का आरोप है कि 90 विधायकों को ज्ञापन सौंपने के बाद भी संवेदनहीनता की स्थिति बनी जिसकी वजह से अब अनिश्चितकालीन हड़ताल करनी पड़ रही है।

कांग्रेस ने किया था वादा
महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष कौशलेश तिवारी ने बताया कि संविदा कर्मचारियों से साल 2018 के चुनाव के समय जन घोषणा पत्र लाकर कांग्रेस ने वादा किया, कि सरकार बनने के कुछ ही दिन बाद सभी को नियमित कर दिया जाएगा। 4 साल 6 महीने बीत जाने के बाद भी यह वादा अधूरा है जिसका विरोध लोकतांत्रिक ढंग से कर्मचारी कर रहे हैं।

क्या है कर्मचारियों की मांग
संविदा कर्मचारियों की मांग है कि इन्हें स्थाई किया जाए, नौकरी की सुरक्षा 62 वर्ष आयु तक दी जाए, वरिष्ठता का लाभ, वेतन, ग्रेच्युटी, क्रमोन्नति-पदोन्नति, सामाजिक सुरक्षा, अनुकंपा नियुक्ति, बुढ़ापे का सहारा पेंशन जैसी मूलभूत सुविधाएं दी जाएं।

हर जिले में विरोध जताएंगे कर्मचारी
राज्य के सभी जिलों में 3 जुलाई से 7 जुलाई तक 5 दिनों तक कर्मचारी अपने अपने स्तर पर विरोध प्रदर्शन करेंगे। 7 जुलाई को प्रदेश के सभी जिलों में एक रैली निकालकर मुख्यमंत्री के नाम कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा जाएगा। रैली में सभी कर्मचारी काले कपड़े पहनकर प्रदेश के सभी शहरों से निकलेंगे। कर्मचारियों ने यह भी तय किया है कि अगर बारिश हुई तो छाता भी काले रंग का ही इस्तेमाल करते हुए विरोध प्रदर्शन जारी रखा जाएगा। 8 और 9 जुलाई को कर्मचारी अपने आगे की रणनीति के लिए एक बैठक करेंगे। इसके बाद 10 जुलाई से होने वाले कार्यक्रमों की जानकारी जारी दी जाएगी।

आवेदन निवेदन सब किया अब आंदोलन
महासंघ के प्रांतीय प्रवक्ता एवं मीडिया प्रकभारी सूरज सिंह ठाकुर ने कहा कि बीते साढ़े 4 वर्षों से कई आवेदन, निवेदन और मुलाकात के जरिए सरकार को संविदा कर्मचारियों के नियमितीकरण की मांग की जानकारी देते रहे। लेकिन सरकार की ओर से इस मांग पर कोई विचार नहीं किया गया, बल्कि सरकार की तरफ से संवाद हीनता की स्थिति बनी हुई हैं। ऐसा लग रहा है मानो सरकार खुद संविदा कर्मचारियों को अनिश्चिकालीन आंदोलन के लिए मजबूर कर रही हो।

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