acn18.com बैकुंठपुर/कोरिया / छत्तीसगढ़ के कोरिया में गुरुवार देर रात भूकंप के झटके महसूस किए गए। रिएक्टर स्केल पर इसकी क्षमता 4.6 थी। इस लिहाज से यह अब तक छत्तीसगढ़ के किसी हिस्से में सबसे ज्यादा तीव्रता वाले भूकंप के झटके हैं। भूकंप का केंद्र बैकुंठपुर में जमीन से 16 किमी अंदर बताया जा रहा है। महज दो सेकेंड के लिए झटका महसूस हुआ। इसके चलते चरचा अंडरग्राउंड माइंस में गोफ गिरने से 2 मजदूर घायल हो गए। उन्हें बिलासपुर रेफर किया गया है। 18 दिन में यहां दूसरी बार भूकंप के झटके लगे हैं।
जानकारी के मुताबिक, देर रात करीब चरचा कालरी क्षेत्र में रात 12.58 बजे भूकंप के झटके महसूस किए गए। महज 2 सेकेंड के लिए आए इस झटके का पता ज्यादातर लोगों को नहीं चला। झटकों की वजह से चरचा अंडर ग्राउंड कोल माइंस में गोफ गिर गया। इसके बाद भागते समय दो मजदूर घायल हो गए। दोनों मजदूरों को अपोलो अस्पताल रेफर किया गया है। इस दौरान माइंस में एक दर्जन से ज्यादा श्रमिक काम कर रहे थे। राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र के मुताबिक, इस श्रेणी के भूकंप से क्षति का अंदेशा रहता है।
जुलाई में दूसरी बैकुंठपुर में डोली धरती
जुलाई में दूसरी बार बैकुंठपुर में भूकंप के झटके महससू किए गए। इससे पहले 11 जुलाई को 4.3 तीव्रता का झटका आया था। उस समय जान-माल का कोई नुकसान नहीं हुआ था। तब भी दो सेकेंड के लिए ही झटके लगे थे और केंद्र बैकुंठपुर से पश्चिम-उत्तर दिशा में 16 किमी दूर और जमीन से 10 किमी अंदर था। इससे पहले 16 मार्च को भी अंबिकापुर संभाग में भूकंप के झटके महसूस किये गए थे। तब रिक्टर पैमाने पर 3.1 तीव्रता के भूकंप मापा गया था।
इस बार ज्यादा तीव्रता के झटके… यह चेतावनी जैसा
छत्तीसगढ़ में भूकंपीय गतिविधि की जो दर है, वह बहुत कम है। वजह ये है कि छत्तीसगढ़ के अधिकांश हिस्से में भूगर्भ में बेहद सख्त आग्नेय चट्टानें हैं। केवल उत्तर छत्तीसगढ़ के कुछ हिस्से भूगर्भीय संरचना के कारण संवेदनशील हैं। यहां 2-3 तीव्रता वाले भूकंप आते रहे हैं। इस बार चेतावनी वाली बात यह है कि दूसरी बार 4 तीव्रता से ऊपर का भूकंप आया है।
दरअसल नर्मदा-सोन भ्रंश (फाल्ट जोन) एवं तातापानी भ्रंश के आसपास के क्षेत्र में प्लेट टेक्टोनिक गतिविधियां होती रहती हैं। इसके कारण भूकंप के झटके लग रहे हैं। भूकंप आने के पीछे इस बार भी यही कारण माना जा रहा है। आपदा प्रबंधन भारत सरकार एवं भारतीय भू-वैज्ञानिक सर्वेक्षण (जीएसआई) द्वारा अंबिकापुर एवं उत्तरी छत्तीसगढ़ को भूकंप ग्रसित क्षेत्र में दर्शाया गया है, हालांकि इसे कम तीव्रता वाले क्षेत्र में रखा गया है, लेकिन इस बार भूकंप की तीव्रता ने सबको चौंकाया है।
5 साल में लगे 5 झटके
कोरिया जिले में इससे पहले 11 जुलाई को 4.3 तीव्रता का भूकंप आया। 12 दिसंबर 2021 को सुबह 9.30 बजे 3.4 तीव्रता के झटके आए थे। 11 अप्रैल 2021 की दोपहर 12.52 बजे उत्तर व मध्य छत्तीसगढ़ में 3.7 तीव्रता का भूकंप आया। इसके झटके बैकुंठपुर, मनेंद्रगढ़ और मरवाही तथा मध्यप्रदेश के अनूपपुर में महसूस किए गए थे। तब भूकंप का केंद्र शहडोल था। जिले के चिरमिरी और मनेंद्रगढ़ में 22 फरवरी 2019 में दोपहर करीब 1 बजे 3.5 तीव्रता के झटके महसूस हुए थे। 2 सितंबर 2018 को भी भूकंप के झटके लगे थे।
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