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शराब से 39 मौतें, नीतीश बोले- जो पिएगा, वो मरेगा:थाने के पास सबसे ज्यादा शराब बिकी, सप्लायर खुद वही शराब पीकर मरा

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acn18.com बिहार/बिहार के छपरा में जहरीली शराब से अब तक 39 लोगों की मौतें हो गई हैं। 30 मरीजों का इलाज चल रहा है, जिनकी हालत गंभीर है यानी मौतें और बढ़ सकती हैं। जिस मशरक इलाके में घटना हुई है, वहां थानेदार रितेश मिश्रा समेत 2 लोगों को सस्पेंड किया गया है। जांच के लिए SIT बनाई गई है। 20 लोग हिरासत में हैं। उधर, CM नीतीश कुमार ने कहा है कि जहरीली शराब से शुरू से लोग मरते हैं। सबको अलर्ट रहना चाहिए, क्योंकि जब शराब बंदी है तो खराब शराब मिलेगी ही। जो शराब पियेगा वो मरेगा।

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शराब बंदी के बीच शराब से ही मौतों की पड़ताल करने भास्कर की टीम मशरक पहुंची। यही वह मोहल्ला है, जहां शराब पीने से सबसे ज्यादा मौतें हुई हैं। यहीं एक फोन पर घर-घर शराब पहुंच जाती है। पता चला कि कई शवों के चोरी-छिपे अंतिम संस्कार कर दिए गए। पोस्टमार्टम केवल 22 का हुआ है। लोगों के चेहरे पर एक खौफ दिखा। शराब पर सवाल किए तो कुछ ने कहा- पुलिस को सब पता था। सप्लायर की सेटिंग की वजह से वह सब नजरअंदाज करती थी। स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे तो वहां के कर्मचारी ने बताया- जो मोहल्लों में शराब बांट रहा था, उसकी मौत खुद शराब पीने से हुई।

शराब कांड से जुड़े अपडेट

  • केंद्रीय मंत्री गिरीराज सिंह ने कहा है कि ये बिहार का दुर्भाग्य है। बिहार में जब से शराब नीति चली है तब से कई हजार लोग मर गए। मगर मुख्यमंत्री की संवेदना नहीं जगती।
  • सुशील मोदी ने कहा है कि शराबबंदी लागू होने के बाद 6 साल में 1000 से ज्यादा लोगों की जहरीली शराब से मौत हुई है। 6 लाख लोग जेल भेजे गए।
  • बिहार शराब कांड का मामला संसद में भी गूंजा। बिहार विधानसभा में भाजपा विधायकों ने भी जमकर हंगामा किया।
  • पुलिस ने कई बार सप्लायर को पकड़ा था, फिर छोड़ दिया

    हेल्थ वर्कर ने बताया कि अस्पताल आने वालों में सबसे अधिक मजदूर वर्ग के लोग थे। अधिकतर मरीजों की उम्र 25 से 40 वर्ष की थी। आसपास के गांवों में जो भी शराब सप्लाई की गई, वो मशरक में बनी थी। दारु की सप्लाई करने वाले को पुलिस ने भी कई बार पकड़ा, लेकिन वह क्यों छोड़ दिया गया यह बड़ा सवाल है।

  • डॉक्टरों को मरीजों को बचाने का मौका ही नहीं मिला

    मशरक सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के डॉक्टरों का कहना है कि शराब पीने के बाद मरीजों का बर्ताव एक जैसा ही दिखा। 30 से अधिक पीड़ित आए। वह सांस तक नहीं ले पा रहे थे। केमिकल का असर इतना तेजी से फैला था कि पीड़ितों को बचाने का मौका ही नहीं मिल रहा था। कई केस में तो घर वालों को भी जानकारी समय से नहीं हो पाई। जब तक वो मरीज लाए, तब तक टॉक्सिन पूरे शरीर में फैल चुका था। इस कारण से एम्बुलेंस में ही कई मरीजों की मौत हो गई।

    नगर निकाय चुनाव में शराब की सप्लाई बढ़ गई

    मरीजों के परिजनों ने बताया कि नगर निकाय चुनाव के कारण भी शराब खूब बिक रही है। चुनाव के दौरान अलग-अलग कैंडिडेट शराब का ऑफर देता है। परिजन कहते हैं कि ऐसे ही किसी कैंडिडेट ने मोहल्ले में शराब बंटवाई थी। मशरक में कई पुलिस के वाहनों पर लाउड स्पीकर लगाए गए हैं। लोगों को जागरूक किया जा रहा है। शराब के बारे में चेतावनी दी जा रही है। पुलिस अफसर बात करने से बच रहे हैं। कह रहे हैं कि मामले की जांच हो रही है। एक्शन लिया जा रहा है।

    टेट्रा पैक में बांटी गई शराब, इसमें ज्यादा समय रही तो खराब हो जाती है

    मशरक में शराब कारोबारियों ने टेट्रा पैक (पॉलीथिन में शराब) की बिक्री की है। टेट्रा पैक में भी अधिक समय तक शराब रखने से खराब हो जाती है। इन मोहल्लों में खाली टेट्रा पैक दिखते थे, लेकिन घटना के बाद अब ये नजर नहीं आ रहे।

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