उत्तराखंड के प्रमुख हिंदू तीर्थ केदारनाथ धाम के कपाट 25 अप्रैल को खोल दिए जाएंगे। इस बार उत्तराखंड की चारधाम यात्रा 22 अप्रैल से शुरू हो रही है। यमुनोत्री और गंगोत्री के कपाट 22 अप्रैल और बद्रीनाथ के कपाट 27 अप्रैल को खुलेंगे।
यात्रा के लिए पहली बार उत्तराखंड सरकार ने बुकिंग की थी। अब तक कुल 9 लाख 68 हजार 951 लोगों ने यात्रा के लिए रजिस्ट्रेशन करवाया है। वहीं 16 फरवरी से GMVN गेस्ट हाउस के लिए 7 करोड़ रुपए से ज्यादा की एडवांस बुकिंग की जा चुकी है।
उत्तराखंड पर्यटन विभाग ने बताया कि यात्री ट्रैकिंग के साथ-साथ हेलीकॉप्टर से भी मंदिर पहुंच सकेंगे। इसके लिए उत्तराखंड सरकार ने IRCTC से टाइ-अप किया है।
यात्रा रूट पर होंगे हेल्थ ATM
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पिछले दिनों कहा था कि चारधाम यात्रा के दौरान स्वास्थ्य जांच के लिए हेल्थ ATM यात्रा रूट पर लगाए जाएंगे। इससे श्रद्धालुओं को काफी मदद मिलेगी। कोरोना के बढ़ते मामलों को लेकर भी सरकार ने कहा है कि केंद्र की गाइडलाइंस को सख्ती से लागू किया जाएगा।
3 अप्रैल को प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने समीक्षा बैठक के दौरान कहा कि जरूरत पड़ने पर बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन और एयरपोर्ट सहित सार्वजनिक स्थानों पर कोविड वैक्सीनेशन कैम्प भी लगाए जाएंगे।
CM धामी ने यात्रा मार्ग पर डॉक्टर, पैरामेडिकल स्टाफ और स्वास्थ्य सुविधाओं की तैनाती की डेडलाइन 15 अप्रैल तय की है।
जोशीमठ बचाओ संघर्ष समिति की चेतावनी- पहले दिन बद्रीनाथ यात्रा नहीं होने देंगे
चारधाम यात्रा शुरू होने से पहले ही जोशीमठ बचाओ संघर्ष समिति ने सरकार को चेतावनी दी है। समिति ने जोशीमठ में चल रहे NTPC प्रोजेक्ट को तत्काल बंद करने की मांग की है। अगर सरकार ऐसा नहीं करती है तो समिति यात्रा के दौरान बद्रीनाथ रोड पर चकाजाम कर देगी। समिति 3000 प्रभावित परिवारों के पुनर्वास की मांग कर रही है, जबकि सरकार ने 300 परिवारों की ही पहचान की है।
उधर उत्तराखंड CM पुष्कर धामी ने PM मोदी से दिल्ली में मुलाकात की। जहां उन्होंने भूधंसाव ग्रस्त जोशीमठ के लिए करीब 2943 करोड़ का आर्थिक पैकेज मांगा है। इस दौरान केदारनाथ और बदरीनाथ धाम के विकास कार्यों की जानकारी देते हुए मानसखण्ड मंदिर माला मिशन के अन्तर्गत कुमाऊं के 48 मंदिरों व गुरुद्वारों में से पहले चरण में 16 मंदिरों को विकसित करने के बारे में बताया।
जोशीमठ में चारधाम यात्रा की वजह से बेघरों को होटलों ने अल्टीमेटम दिया
जोशीमठ, चार हजार इमारतों वाले 11.5 वर्ग किमी में फैले इस शहर के 2.5 वर्ग किमी एरिया के 868 मकानों में दरारें आई हैं, जिनमें से 181 को अनयूजेबल घोषित किया जा चुका है। करीब 700 लोगों को अपना घर छोड़कर इधर-उधर पनाह लेनी पड़ी है