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अमेरिका में मिलटन तूफान से 16 लोगों की मौत: बवंडर और बाढ़ से 120 घर तबाह, 30 लाख घरों-ऑफिसों में बिजली नहीं

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अमेरिका में मिल्टन तूफान से आए बवंडर और बाढ़ ने तबाही मचा दी है। हरिकेन की वजह से फ्लोरिडा में अब तक 16 लोगों की मौत हो गई है। वहीं, करीब 30 लाख घरों और ऑफिसों में बिजली नहीं है। न्यूयॉर्क टाइम्स के मुताबिक, तूफान की वजह से 120 घर तबाह हो चुके हैं।

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सेंट्रल फ्लोरिडा में मिल्टन की वजह से 10-15 इंच तक की बारिश हुई, जिसकी वजह से बाढ़ आ गई। अमेरिकी कोस्टगार्ड ने गुरुवार को मैक्सिको की खाड़ी में फंसे एक शख्स को रेस्क्यू किया। वह एक लाइफ जैकेट और कूलर के भरोसे पानी में अपनी जान बचाने की कोशिश कर रहा था।

मिल्टन फ्लोरिडा से टकराने वाला साल का तीसरा तूफान है। गुरुवार (10 अक्टूबर) को यह फ्लोरिडा के सिएस्टा में समुद्री तट से टकराया। इससे पहले ये कैटेगरी 5 का तूफान था। टकराते वक्त ये कैटेगरी 3 का हो गया था। तूफान की वजह से अमेरिका के नेशनल वेदर सर्विस ने 126 बवंडरों की वॉर्निंग जारी की थी।

मदद के लिए 9 हजार नेशनल गार्ड्स तैनात

तूफान शांत होने के बाद शुक्रवार (11 अक्टूबर) से टैम्पा इंटरनेशनल एयरपोर्ट को दोबारा खोलने की तैयारी की जा रही है। पेंटागन के प्रेस सेक्रेटरी जनरल पैट राइडर ने बताया कि तूफान से मची तबाही में लोगों की मदद के लिए फ्लोरिडा नेशनल गार्ड के 6500 लोगों को तैनात किया गया है।

इसके अलावा 19 राज्यों के 3 हजार गार्ड्स को भी तैनात किया गया है। इसके अलावा 26 हेलिकॉप्टर्स और 500 से ज्यादा हाई-वॉटर व्हीकल्स को भी सपोर्ट के लिए भेजा गया है।

फ्लोरिडा में 15 दिन में दूसरा तूफान

मिल्टन फ्लोरिडा में 15 दिन के भीतर आने वाला दूसरा बड़ा तूफान है। इससे पहले फ्लोरिडा में हेलेन तूफान की वजह से 200 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी। हेलेन तूफान से अमेरिका के 12 से ज्यादा राज्य प्रभावित हुए थे। जबकि सबसे ज्यादा असर फ्लोरिडा पर पड़ा था। हेलेन की

टाइफून, हरिकेन और टॉरनेडो में क्या अंतर है?

स्ट्रॉर्म या तूफान वातावरण में एक तरह का डिस्टर्बेंस होता है, जो तेज हवाओं के जरिए सामने आता है और उसके साथ बारिश, बर्फ या ओले पड़ते हैं। जब ये धरती पर होते हैं तो आम तूफान कहलाते है, लेकिन समुद्र से उठने वाले स्टॉर्म को हरिकेन कहते हैं। हरिकेन आम स्टॉर्म से ज्यादा खतरनाक होते हैं।

हरिकेन, साइक्लोन और टाइफून तीनों एक ही चीज होते हैं। दुनियाभर में साइक्लोन को अलग-अलग नामों से बुलाया जाता है। जैसे- उत्तरी अमेरिका और कैरिबियन आइलैंड में बनने वाले साइक्लोन को हरिकेन, फिलीपींस, जापान और चीन में आने वाले साइक्लोन को टाइफून और ऑस्ट्रेलिया और हिंद महासागर यानी भारत के आसपास आने वाले तूफान को साइक्लोन कहा जाता है।

समुद्रों के लिहाज से देखें तो अटलांटिक और उत्तर-पश्चिम महासागरों में बनने वाले साइक्लोन हरिकेन कहलाते हैं। उत्तर पश्चिम प्रशांत महासागर में बनने वाले तूफान टाइफून कहलाते हैं। वहीं, दक्षिण प्रशांत महासागर और हिंद महासागर में उठने वाले तूफान साइक्लोन कहलाते हैं।

इसी वजह से भारत के आसपास के इलाकों में आने वाले समुद्री तूफान साइक्लोन कहलाते हैं। वहीं, टॉरनेडो भी तेज तूफान होते हैं, लेकिन ये साइक्लोन नहीं होते, क्योंकि ये समुद्र के बजाय ज्यादातर धरती पर ही बनते हैं। सबसे ज्यादा टॉरनेडो अमेरिका में आते हैं।

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