acn18.com नई दिल्ली/मुंबई की रहने वाली श्रद्धा वालकर की हत्या में उसका लिव इन पार्टनर आफताब पूनावाला पुलिस की गिरफ्त में है। बताया जा रहा है कि आफताब ने मंगलवार को कोर्ट में पहली बार अपना गुनाह कबूल किया। उसने कहा कि उसने गुस्से में श्रद्धा की हत्या की थी। हालांकि, आफताब के वकील ने हत्या की बात कबूल करने की बात से इनकार किया है।
इसी बीच मुंबई की रहने वाली श्रद्धा की दोस्त पूनम बिडलान ने दावा किया है कि आफताब श्रद्धा को नॉनवेज खाने के लिए मजबूर करता था। दोनों के बीच इस बात पर भी लड़ाई होती थी। सोशल वर्कर पूनम ने यह बात दिल्ली पुलिस को दिए बयान में कही है।
इस केस में दिल्ली पुलिस 5 राज्यों दिल्ली, महाराष्ट्र (मुंबई), हरियाणा, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में पड़ताल कर रही है। साथ ही श्रद्धा और आफताब से जुड़े लोगों से लगातार पूछताछ कर रही है। हम आपको केस से जुड़े ऐसे 10 किरदारों के बारे में बता रहे हैं, जिनकी गवाही आफताब को सजा दिला सकती है।
विकास वालकर: श्रद्धा के पिता
पुलिस ने श्रद्धा के शव के टुकड़ों की पहचान के लिए उसके पिता विकास वालकर का DNA सैंपल लिया है। इसे बॉडी पार्ट के DNA से मैच कराया जाएगा। इससे पता चल सकेगा कि पुलिस को मिले बॉडी पार्ट्स श्रद्धा के हैं या नहीं।
विकास ने अपने बयान में कहा है कि आफताब अक्सर उनकी बेटी के साथ मारपीट करता था। कई बार उसने श्रद्धा को बाल पकड़कर घसीटा था। इसके बाद उन्होंने श्रद्धा को आफताब का साथ छोड़कर घर आने के लिए कहा था, लेकिन वह नहीं मानी। पिता का बयान और DNA सैंपल आफताब के खिलाफ सबसे बड़ा सबूत साबित होगा।
दिल्ली शिफ्ट होने के बाद आफताब और श्रद्धा की मुलाकात जिस शख्स से सबसे पहले हुई थी वह राजेश कुमार थे। पेशे से प्लंबर राजेश ने ही दोनों को समझाया था कि घर में पानी कहां से चलेगा और मोटर का बटन कहां है।
राजेश ने बताया- ‘जब वे लोग आए थे, तो मैंने दोनों को पहली और आखिरी बार साथ देखा था। इसके बाद वे कई बार उनके घर गए, लेकिन श्रद्धा कभी दिखाई नहीं दी।’ आफताब अक्सर बाहर से खाना मंगाता था, यह बात भी राजेश ने ही पुलिस को बताई थी।
मुंबई में रहने वाले श्रद्धा के दोस्त राहुल राय ने दिल्ली पुलिस को बताया कि 2020 में आफताब ने श्रद्धा को बुरी तरह से पीटा था। श्रद्धा के चेहरे और शरीर पर काफी चोट आई थी। तब श्रद्धा ने दोस्तों से मदद मांगी थी।
राहुल के मुताबिक, श्रद्धा की मदद के लिए उन लोगों ने पुलिस स्टेशन जाकर आफताब के खिलाफ शिकायत दी थी। उस वक्त भी श्रद्धा ने मुंबई पुलिस को बताया था कि आफताब उसे अक्सर मारता-पीटता है।
मुंबई में रहने वाले गॉडविन श्रद्धा को नहीं जानते थे, लेकिन उनका भाई श्रद्धा का दोस्त था और उसके ऑफिस में काम करता था। दिल्ली पुलिस को दिए बयान में गॉडविन ने कहा कि एक बार आफताब ने श्रद्धा से मारपीट की और उसका गला दबाने की कोशिश की थी। इसके बाद श्रद्धा ने ऑफिस के दोस्तों की मदद मांगी।
उस वक्त गॉडविन का भाई कहीं और था, इसलिए उसने गॉडविन भेजा। उसने ही श्रद्धा को अस्तपताल में भर्ती करवाया था। गॉडविन ने श्रद्धा के चेहरे और शरीर के कई हिस्सों में चोट के निशान देखे थे। गॉडविन उस वक्त श्रद्धा को पुलिस के पास भी लेकर गया था। पुलिस में शिकायत दर्ज की थी। श्रद्धा ने गॉडविन को बताया था कि आफताब पहले भी उसे इसी तरह पीट चुका है।
आफताब ने 24 नवंबर, 2020 को श्रद्धा को बुरी तरह पीटा थी। श्रद्धा ने यह बात वॉट्सऐप पर अपने मैनेजर करण बारी को बताई थी। चैट में श्रद्धा ने कहा था कि पिटाई की वजह से मैं उठ नहीं पा रही हूं। इसलिए काम नहीं कर सकती हूं।
श्रद्धा ने लिखा कि उसके घर जाने से सब ठीक हो गया है। वह अब बाहर जा रहा है। मैं आज काम नहीं कर पाऊंगी, क्योंकि कल हुई मारपीट की वजह से उसका शायद BP कम हो गया है। यह बयान आफताब के खिलाफ बड़ा सबूत बन सकता है।
श्रद्धा को मारने के बाद उसकी बॉडी को आरी से काटने के दौरान आफताब का हाथ कट गया था। उसका इलाज दिल्ली के रहने वाले डॉ. अनिल कुमार ने किया था। उन्होंने बताया कि उस रात जब आफताब आया, तो नॉर्मल था। उन्होंने उससे हाथ कटने की वजह पूछी तो बोला कि फल काटते समय कट लग गया। डॉ. अनिल ने आफताब की पहचान पुलिस के सामने कर दी है।
लक्ष्मण ने पुलिस को बताया कि दिल्ली शिफ्ट होने के बाद श्रद्धा ने उसके मैसेज का रिप्लाई करना बंद कर दिया था। कुछ दिनों बाद उसका नंबर बंद हो गया। इसके बाद लक्ष्मण को शक हुआ कि कुछ गड़बड़ है। उन्होंने श्रद्धा के भाई को बताया कि आखिरी बार मेरी उससे जुलाई में बात हुई थी। फिर उन्होंने तय किया कि उन्हें पुलिस के पास जाना चाहिए।
लक्ष्मण ने दिल्ली पुलिस को बताया कि श्रद्धा और आफताब अक्सर झगड़ते थे। एक बार तो उनकी लड़ाई पुलिस स्टेशन पहुंचने वाली थी, लेकिन श्रद्धा ने फिर मना कर दिया। एक रात श्रद्धा ने मैसेज किया कि उसे यहां से कहीं और ले जाए। अगर वह यहां रही, तो आफताब उसे मार डालेगा। हम उसके घर गए और आफताब से कहा कि वे पुलिस के पास जाएंगे, लेकिन श्रद्धा ने ऐसा करने से मना कर दिया।
सुदीप सचदेवा उस दुकान के मालिक हैं, जहां से आफताब ने आरी खरीदी थी। इसी आरी से श्रद्धा के शव के टुकड़े किए गए थे। सचदेवा ने बताया है कि जब आफताब आरी खरीदने आया था, तो बिलकुल नॉर्मल था। जब पुलिस उसे उनकी दुकान पर लाई थी, तब भी उसकी आंखों में कोई पछतावा नहीं दिखा।
श्रद्धा की हत्या करने के बाद उसके शव के टुकड़ों को रखने के लिए आफताब ने छतरपुर की एक दुकान से 19 मई को नया फ्रीज खरीदा था। यहां काम करने वाले कुलदीप सिंह ने बताया कि आफताब ने फ्रिज के लिए 25,300 रुपए चुकाए थे। वह तकरीबन आधा घंटा दुकान पर रुका। उसने कुलदीप से ज्यादा स्पेस वाला फ्रिज दिखाने के लिए कहा था।
दुबई जाने की प्लान बना रहे थे आफताब और श्रद्धा
श्रद्धा के दोस्तों ने दावा किया है कि रोज-रोज के झगड़ों से तंग आए आफताब और श्रद्धा भारत छोड़कर दुबई में रहने का प्लान बना रहे थे। श्रद्धा ने एक दोस्त को बताया था कि वे दोनों चाहते हैं कि दुबई में नई जिंदगी शुरू करें। हालांकि, श्रद्धा के दोस्तों ने उसे समझाया था कि वह भारत छोड़कर न जाए।
श्रद्धा से पहले आफताब ने चार हिंदू लड़कियों को डेट किया
पुलिस आफताब की श्रद्धा से रिश्ते में आने से पहले की जिंदगी के बारे में भी जानकारी जुटा रही है। मुंबई पुलिस के सूत्रों के मुताबिक, श्रद्धा से पहचान होने से पहले आफताब ने 4 लड़कियों को डेट किया था। इनमें से दो तक पुलिस पहुंच गई है, दो से अब तक कॉन्टैक्ट नहीं हो पाया है। पुलिस ये भी पता लगाएगी कि क्या आफताब ने इनका भी शोषण तो नहीं किया। पुलिस सूत्रों के मुताबिक, चारों लड़कियां हिंदू हैं।