Acn18.comअम्बिकापुर/अम्बिकापुर के नेहरू वार्ड स्थित सत्ती मंदिर के पास एक तालाब की ज़मीन पर अवैध कब्ज़े को लेकर बुधवार को ज़बरदस्त सियासी और प्रशासनिक ड्रामा देखने को मिला। हाईकोर्ट के स्पष्ट आदेश के बावजूद, जब ज़िला प्रशासन और नगर निगम की टीम अतिक्रमण हटाने पहुंची, तो उन्हें स्थानीय नेताओं और बड़ी संख्या में आम लोगों के भारी विरोध का सामना करना पड़ा। आख़िरकार, टीम को बिना कोई कार्यवाही किए बैरंग लौटना पड़ा।
मामला नेहरू वार्ड के सत्ती मंदिर के पास का है, जहाँ एक व्यक्ति ने तालाब की ज़मीन पर घर बना लिया है। लंबे समय से चल रहे इस अवैध कब्ज़े को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई थी, जिसके बाद अदालत ने अतिक्रमण हटाने का सख़्त निर्देश दिया था। आज इसी आदेश का पालन करने के लिए ज़िला कलेक्टर और नगर निगम आयुक्त के निर्देश पर प्रशासन का अमला मौके पर पहुंचा था।
जैसे ही टीम ने घर खाली कराने की प्रक्रिया शुरू की, मौक़े पर मौजूद स्थानीय नेताओं और सैकड़ों की भीड़ ने हंगामा शुरू कर दिया। वे प्रशासन की कार्यवाही का पुरज़ोर विरोध कर रहे थे। स्थिति इतनी तनावपूर्ण हो गई कि किसी भी अप्रिय घटना से बचने के लिए प्रशासन को अपने कदम पीछे खींचने पड़े।
प्रशासनिक सूत्रों के अनुसार, टीम ने कब्ज़ाधारी को दो दिनों के भीतर स्वेच्छा से घर खाली करने का अंतिम अल्टीमेटम दिया है। अगर दो दिनों में घर खाली नहीं होता है, तो प्रशासन द्वारा कड़ी कार्यवाही की जाएगी। इस घटना ने अम्बिकापुर में अवैध कब्ज़ों और प्रशासन की कार्रवाई को लेकर जारी खींचतान को एक बार फिर उजागर कर दिया है।
अब सबकी निगाहें अगले दो दिनों पर टिकी हैं कि क्या प्रशासन इस बार हाईकोर्ट के आदेश का पालन करा पाएगा या फिर यह मामला और तूल पकड़ेगा।