कोरबा शहर के कोसाबाड़ी में संचालित कृष्णा अस्पताल पर एक युवक के उपचार के दौरान लापरवाही बरतने का आरोप लगा है,जिसके कारण उसका एक पैर काटने की नौबत आ गई है। सड़क दुर्घटना बुरी तरह से घायल ग्राम दादर निवासी 22 वर्षीय युवक लक्की यादव का पांच दिनों तक अस्पताल में उपचार चला बावजूद इसके वह सामान्य नहीं हुआ। युवक को डिस्चार्ज कर जब दूसरे अस्पताल में दाखिल किया गया तो लापरवाही कीबात सामने आई। पीड़ित परिवार ने पुलिस और प्रशासन से शिकायत की है। हालांकि अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही बात से इंकार कर दिया है।
एसपी कार्यालय में जमा यह भीड़ ग्राम दादरखुर्द के लोगों की है,जो यहां कृष्णा अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ उमड़ी है। इनका आरोप है,कि अस्पताल प्रबंधन ने गांव में रहने वाले एक युवक के उपचार में लापरवाही बरती जिसके कारण युवक का एक पैर कटने की स्थिती में आ गया है। 27 अगस्त को लक्की यादव ग्राम तरदा में हुए सड़क हादसे में घायल हो गया है। जिसके नियमों के विपरित पहले तो 108 संजीवनी एक्सप्रेस के माध्यम से रास्ते में ही निजी एंबुलेंस की सहायता से कृष्णा अस्पताल में भर्ती करा दिया गया। करीब चार दिनों तक युवक का उपचार किया लेकिन हालत सही नहीं होने पर परिजन उसे बालको के अस्पताल ले गए जहां के चिकित्सक ने बताया,कि पैर के पंजे में संक्रमण हो गया है जिसके कारण उसे काटने की नौबत भी आ सकती है। डाॅक्टर के इस कथन से परिजन सकते में आ गए और अस्पताल प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए एसपी और कलेक्टर से शिकायत की है।
इस मामले में परिजनों का आरोप है,कि पांच दिन में 80 हजार का बिल बनाने के बाद भी युवक का जब पैर काटने की नौबत आई है,तो यह निश्चित ही अस्पताल की लापरवाही को दर्शाता है। क्योंकि बालको अस्पताल के चिकित्सकों ने घाव की सफाई की तो उसमें से घास के टुकड़े,रेत और कंकण निकले। लापरवाही के आरोप को लेकर जब हमले अस्पताल प्रबंधन से बात की तब उन्होंने लापरवाही के आरोप को नकार दिया।महेंद्र कर्मा की बेटी के घर 15 लाख की चोरी:ताला तोड़ ले गए गहने-नगदी; सुलोचना बोलीं-बहुरूपिए घूम रहे, पुलिस को पता नहीं
युवक के परिजन चाहते हैं,कि उसके उपचार में जितना पैसा लगा है अस्पताल प्रबंधन उसे वापस ले और प्रशासन लावपरवाही को लेकर प्रबंधन के खिलाफ कार्रवाई करे। ताकी भविष्य में इस तरह की स्थिती निर्मित न हो सके।