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किरणदेव ही बने रहेंगे छत्तीसगढ़ भाजपा के अध्यक्ष:दावेदारों ने नहीं दिया अपना नाम, कांग्रेस बोली- प्रदेश अध्यक्ष का चुनाव नहीं नौटंकी

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acn18.com   छत्तीसगढ़ भारतीय जनता पार्टी की कमान एक बार फिर से किरणदेव के हाथों में सौंपी जाएगी। शुक्रवार को पार्टी के राष्ट्रीय महामंत्री विनोद तावड़े इसका ऐलान करेंगे। देर रात वो रायपुर पहुंचे। खुद किरणदेव ने ही एयरपोर्ट पर उनका स्वागत किया। साथ में प्रदेश प्रभारी नीतिन नबीन भी मौजूद थे। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष पद के इस चुनाव को नौटंकी बता रही है।

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गुरुवार रात पार्टी के प्रदेश कार्यालय कुशाभाऊ ठाकरे परिसर में प्रदेश अध्यक्ष के निर्वाचन की प्रक्रिया को पूरा किया गया। इसके लिए चुनाव अधिकारी बनाए गए खूबचंद पारख ने बताया कि 3 सेट में नामांकन आए हैं। तीनों में किरणदेव का नाम है। अब दिल्ली से सहमति लेने के बाद विनोद तावड़े नाम की घोषणा करेंगे।

खूबचंद पारख भाजपा के चुनाव अधिकारी हैं, इन्होंने ही नामांकन हासिल किया और पार्टी के बड़े नेताओं को रिपोर्ट दी।

जब पारख से ये पूछा गया कि क्या ये माना जाए कि किरणदेव ही अध्यक्ष बनेंगे? उन्होंने इसका सीधा जवाब देने से बचते हुए कहा- आप कुछ भी समझ सकते हैं। पारख ने प्रक्रिया के बारे में बताया कि किसी व्यक्ति को अध्यक्ष बनने के लिए 3 बार का सक्रिय सदस्य होना जरूरी है। 30 प्रस्तावक थे, जो नामांकन जमा हुआ है, वह केवल किरणदेव के नाम पर जमा हुआ है। अब दिल्ली से स्वीकृति लेकर के नाम की घोषणा की जाएगी।

खूबचंद पारख ने कहा कि 30 प्रस्तावक थे, जो नामांकन जमा हुआ है, वह केवल किरणदेव के नाम पर जमा हुआ है।

दावेदारों ने नहीं दिया नाम

धरमलाल कौशिक, नारायण चंदेल भाजपा प्रदेश अध्यक्ष पद के दावेदार माने जा रहे थे। दावेदारी की खबरों से ये नेता इनकार भी नहीं कर रहे थे और खुले तौर कुछ स्वीकार भी नहीं कर रहे थे। जब नामांकन की प्रक्रिया शुरू हुई तो दोनों ही नेता मंच पर किरणदेव से हाथ मिलाते दिखे, दोनों ने ही अपने नाम आगे नहीं किए।

विनोद तावड़े का एयरपोर्ट पर स्वागत हुआ। किरणदेव के नामांकन पर दिल्ली से अप्रूवल लेकर वे नाम का ऐलान कर सकते हैं।

क्यों दोहराए जा रहे किरणदेव

  • चुनावी माहौल में किरणदेव ने अपने कार्यकाल का करीब एक साल पूरा किया। प्रदेश में भाजपा की सरकार बनने के बाद उन्हें प्रदेश अध्यक्ष की कमान मिली। संगठन के कामों को पूरा किया।
  • लोकसभा चुनाव जब सामने आए तो प्रदेश भाजपा की परफॉर्मेंस अच्छी रही, बस्तर में भाजपा का सांसद बना, किरणदेव बस्तर से ही विधायक हैं।
  • अब सामने निकाय चुनाव हैं, संगठन के स्ट्रक्चर को फिलहाल दिल्ली के बड़े नेता डिस्टर्ब नहीं करना चाहते। ये भी किरणदेव के रिपीट होने की एक वजह है।
  • बस्तर से आने वाले किरणदेव के अध्यक्ष बने रहने से आदिवासी क्षेत्र के नेता के हाथों कमान है, ये भाजपा प्रकट कर सकती है। क्योंकि कांग्रेस में भी बस्तर के ही दीपक बैज अध्यक्ष हैं।
  • कोई खासा विरोध या कार्यकर्ताओं में किरणदेव को नाराजगी नहीं है, इस वजह से भी किरणदेव को बदलने पर गौर नहीं किया गया।

कांग्रेस बोली- चुनाव के नाम पर नौटंकी

कांग्रेस की ओर से सुशील आनंद शुक्ला ने भाजपा प्रदेश अध्यक्ष चुनाव प्रक्रिया को लेकर कहा- ये है भाजपा का आंतरिक लोकतंत्र है, जहां पर चुनाव के नाम पर नौटंकी होती है। किरणदेव भारतीय जनता पार्टी के अकेले उम्मीदवार हैं, जिन्होंने प्रदेश अध्यक्ष के लिए नामांकन किया। बड़े-बड़े लोगों के नामांकन फॉर्म लेने की चर्चा रही, लेकिन किसी को भी नामांकन नहीं भरने दिया गया।

अकेले किरणदेव की पर्ची ऊपर से आई उनका नामांकन किया गया। मतलब चुनाव की नौटंकी भारतीय जनता पार्टी ने की। राष्ट्रीय अध्यक्ष का भी जब चयन किया गया तो जेपी नड्डा ने कब नामांकन भरा? कौन चुनाव अधिकारी था? किसके सामने नामांकन भरा? किस दिन नामांकन भरा? किसी को नहीं पता और जेपी नड्डा भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष दोबारा निर्वाचित हुए थे।

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