गोवा तट के पास कार्गो शिप (एमवी मेर्स्क फ्रैंकफर्ट) में लगी आग को बुझाने का काम अभी जारी है। ये आग 19 जुलाई को लगी थी, जिसे बुझाने के लिए इंडियन नेवी लगातार छह दिन से ऑपरेशन चला रही है। इंडियन कोस्ट गार्ड अधिकारी के अनुसार जहाज पर 22 क्रू मेंबर्स थे, जिनमें से एक की मौत हो गई है।
फिलहाल आग पर काबू पा लिया गया है और अब किसी की जिंदगी खतरे में नहीं है।
लेकिन चालक दल की सुरक्षा और छिटपुट आग को पूरी तरह से बुझाने के लिए नेवी लगातार छठे दिन भी बचाव अभियान जारी रखी है। कोस्ट गार्ड एएलएच हेलीकॉप्टर की मदद से आग पर काबू पाने के लिए 200kg सूखा केमिकल पाउडर सीधे आग की जगह पर गिराया है।
दरअसल ये शिप 1,154 कंटेनर्स लेकर गुजरात के मुंद्रा से श्रीलंका के कोलंबो जा रहा था। इसी बीच जब ये शिप गोवा तट से 102 नॉटिकल मील दूरी पर पहुंचा था, तभी इसमें आग लग गई थी। इस शिप में बेंजीन और सोडियम सायनेट जैसे खतरनाक कार्गो रखे थे।
आग बुझाने का काम अब भी जारी
इस पर इंडियन कोस्ट गार्ड के डिप्टी इंस्पेक्टर जनरल मनोज भाटिया ने बताया कि कुछ हिस्सों में अब भी आग लगी हुई है। शिप के जिस हिस्से में खतरनाक कार्गो रखा था, वहां तक आग नहीं पहुंच सकी। छिटपुट आग को पूरी तरह से बुझाने के लिए चार जहाज मदद कर रहे हैं और हेलिकॉप्टर्स से भी लगातार सॉर्टी की जा रही है।
उन्होंने बताया कि ICG इस शिप को तट से दूर रख रहा है। राज्य सरकार की एजेंसियों को कहा गया है कि ऑयल पॉल्यूशन के चलते होने वाली किसी भी तरह की इमरजेंसी के लिए तैयार रहें। हमने सभी संबंधित राज्यों को वॉर्निंग दी है ताकि प्रदूषण फैलने की स्थिति में डिजास्टर कंटिंजेंसी प्लान को लागू किया जा सके।
शॉट सर्किट के चलते शिप पर आग लगी
रिपोर्ट्स के मुताबिक शिप पर शॉट सर्किट की वजह से लगी आग की वजह से विस्फोट हुआ था। आग तेजी से डेक पर फैली गई। जिससे कंटेनरों में विस्फोट हो गया। शिप के चालक दल में 22 सदस्य शामिल थे। जिनमें फिलीपींस के 17, यूक्रेन के 2, रूस और मोटेन्ग्रो के एक-एक लोग शामिल थे।