acn18.com/ कोरबा छत्तीसगढ़ ठेका कामगार यूनियन ने आउटसोर्सिंग कंपनी एवं कोयला खनन क्षेत्र में कार्यरत और अन्य कामगारों की सामाजिक सुरक्षा तथा सालों से कोयला उत्खनन एवं ओबी में कार्यरत ठेका कामगारों को स्थानीय करने की मांग पर ठेका कर्मचारियों के बीच जागरूकता अभियान एवं बैठकों के माध्यम से संगठित किया जा रहा है इसी तारतम्य में गेवरा दीपका कुसमुंडा क्षेत्र में विभिन्न बैठकें आयोजित किया गया ।
इस संबंध में जानकारी देते हुए छत्तीसगढ़ ठेका कामगार यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष संतोष चौहान ने कहा है कि केंद्रीय श्रम सलाहकार बोर्ड, श्रम और रोजगार मंत्रालय का संकल्प नई दिल्ली 12 सितंबर 2024 तथा कोयला मंत्रालय भारत सरकार द्वारा नियुक्त उच्च अधिकार प्राप्त समिति की सिफारिशों के अनुसार और कोल इंडिया लिमिटेड द्वारा 13 फरवरी 2013 को अधिसूचित दरों पर मजदूरी और अन्य प्रसुविधाएं अदा करने कोल इंडिया की समस्त अनुष्गी कंपनियों को निर्देशित किया गया है किंतु एसईसीएल अंतर्गत कोयला खदानों में इसका पालन नहीं हो रहा है तथा एसईसीएल के अधिकारियों से मिलीभगत कर आउटसोर्सिंग कंपनियां भारी भ्रष्टाचार कर श्रमिक हितों के अनदेखी कर रही है केंद्र सरकार द्वारा 1988 में कोयला उत्खनन, ओबी इत्यादि में ठेका कामगारों को स्थानीय करने का तथा ठेका कामगारो को दी जाने वाली वेतन सहित अन्य सुविधाओं के निराकरण के लिए एनसीडब्लू में समाहित करने कोल मंत्रालय को आदेश पारित किया गया था जिसका परिपालन आज तक नहीं हो पाया है ।
उन्होंने आगे कहा कि कोल इंडिया में स्थानीय कामगारों की संख्या समाप्त कर सभी प्रकृति के कार्य आउटसोर्सिंग तथा ठेका प्रथा से करने की वजह से मजदूर वर्ग को भारी क्षति हो रही है इस संबंध में कोयला खदानों के कामगारों को संगठित करने के साथ-साथ जागरूकता अभियान चलाई जा रही है भविष्य में कानूनी लड़ाई के साथ सड़कों का संघर्ष तेज किया जायेगा ।