acn18.com सक्ती/इस साल गोवर्धन और अन्नकूट पूजा दीपावली के दूसरे दिन 25 अक्टूबर को न होकर एक दिन बाद 26 अक्टूबर को होगी। इस बार 27 साल के बाद दिवाली पर सूर्य ग्रहण का साया पड़ा है।दीपावली के अगले दिन खंडग्रास सूर्यग्रहण है। कार्तिक कृष्ण चतुर्दशी युक्त प्रदोष व्यापिनी अमावस्या पर 24 अक्टूबर को दिवाली मनाएंगे।
24 अक्टूबर की शाम को श्रीगणेश-लक्ष्मी जी की पूजा-अर्चना होगी। अगले दिन अमावस्या 25 अक्टूबर को खंडग्रास सूर्यग्रहण होगा, लिहाजा गोवर्धन पूजा नहीं हो सकेगी। प्रभु को अन्नकूट का भोग भी नहीं लगेगा। 25 अक्टूबर को शाम 4.32 बजे सूर्य ग्रहण शुरू होगा, जो शाम 6.32 तक रहेगा। ऐसे में सूतक 12 घंटे पहले यानी सुबह 4.31 बजे से शुरू होगा। 25 अक्टूबर को शाम 5.57 बजे तक सूर्यग्रहण का मोक्ष होगा। इससे पहले 27 वर्ष पहले दिवाली पर 24 अक्टूबर 1995 को सूर्य ग्रहण पड़ा था।
इस बार दीपोत्सव 4 दिनों का होगा, लेकिन त्योहार 3 दिन मनाया जाएगा। 23 अक्टूबर को धनतेरस और रूप चौदस है। 24 अक्टूबर को शाम 5.27 बजे अमावस्या शुरू होगी, लेकिन दीपावली की पूजा सुबह से शुरू होगी, क्योंकि अगले दिन सूर्य ग्रहण है। 26 अक्टूबर को दोपहर 2.42 बजे द्वितीया तिथि लगेगी, इसलिए गोवर्धन पूजा, अन्नकूट के साथ-साथ भाई दूज भी 26 अक्टूबर को मनाया जाएगा।
इस बार त्योहारों की तारीख
- 23 अक्टूबर- धनतेरस व रूप चौदस
- 24 अक्टूबर- दिन में रूप चौदस, शाम को दिवाली
- 25 अक्टूबर- सूर्य ग्रहण होने के कारण कोई त्योहार नहीं
- 26 अक्टूबर- गोवर्धन पूजा, अन्नकूट और भाईदूज
दीपावली पूजा के शुभ मुहूर्त
- अमृत- सुबह 6.45 से 7.30 बजे
- शुभ- सुबह 9.33 से 10.55 बजे
- अभिजीत- दोपहर 11.59 बजे से 12.44 बजे तक
- चंचल- दोपहर 1.46 से 3.10 बजे तक
- लाभ अमृत- दोपहर 3.10 बजे से शाम 5.58 बजे तक
- प्रदोष- शाम 5.58 बजे से रात्रि 8.32 तक
- लाभ बेला – रात 10.40 बजे से 12.22 बजे तक
गोवर्धन पूजा शुभ मुहूर्त 2022
- सुबह 06.29 बजे से सुबह 08.43 तक
- प्रतिपदा तिथि आरंभ- 25 अक्टूबर 2022 को दोपहर 04.18 बजे से
- प्रतिपदा तिथि समाप्त- 26 अक्टूबर 2022 को दोपहर 02.42 बजे तक
गोवर्धन पूजा के दिन गोबर से गोवर्धन देवता की प्रतिमा बनाकर उन्हें फूलों से सजाएं। उनकी फूल-फल, मिष्ठान्न, धूप, दीप से पूजा करें। उनकी मूर्ति शयन मुद्रा में बनाई जाती है और नाभि पर मिट्टी का दीपक रखा जाता है। पूजा के बाद 7 बार परिक्रमा करें और इस दौरान लोटे से जल गिराते हुए जौ बोते जाएं। गोवर्धन पूजा के मौके पर अन्नकूट का आयोजन भी किया जाता है। अन्न को प्रसाद के रूप में भगवान श्रीकृष्ण को चढ़ाया जाता है।
26 अक्टूबर को भाईदूज
कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की द्वितीया तिथि को भाई दूज का त्योहार मनाया जाता है। इस दिन यमराज, यमदूत और चित्रगुप्त की पूजा की जाती है। इस साल दो दिन यानी 26 और 27 अक्टूबर को कार्तिक कृष्ण द्वितीया तिथि लग रही है। 26 अक्टूबर को दिन में 02 बजकर 43 मिनट से भाई दूज का पर्व मनाना शुभ रहेगा, जो 27 अक्टूबर को दोपहर 01 बजकर 18 मिनट से 03 बजकर 30 मिनट तक रहेगा। ऐसे में 26 अक्टूबर को ही भाई दूज का पर्व मनाना चाहिए।
ये दिन यमराज और उनकी बहन यमुना को समर्पित है। मान्यता है कि इस दिन यमराज अपनी बहन यमुना से मिलने जाते हैं। इस कारण इस दिन यमराज और यमुना जी की पूजा की जाती है। मान्यता है कि जो भी भाई इस दिन बहन के घर जाकर भोजन ग्रहण करता है, वो अकाल मृत्यु से बचा रहता है।