खतरे में थी सिकलसेल से जूझ रही मासूम की जान, मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल में मिला जीवनदान

Acn18.comकोरबा। शरीर में मात्र 3 ग्राम खून शेष था, लेकिन वक्त पर मिला इलाज और रक्तदान ने 7 वर्षीय सरस्वती साहू को दी नई जिंदगी। सिकलसेल एनीमिया से पीड़ित बालिका इन दिनों कोरबा मेडिकल कॉलेज अस्पताल के पीडियाट्रिक वार्ड में भर्ती है, जहां विशेषज्ञ डॉक्टरों की देखरेख में उसका इलाज जारी है।

दीपिका क्षेत्र के ज्योति नगर निवासी सरस्वती लंबे समय से इस गंभीर बीमारी से जूझ रही है। हाल ही में जब उसकी हालत अत्यंत गंभीर हो गई, तो अस्पताल प्रबंधन और समाजसेवियों के सहयोग से रक्त की व्यवस्था की गई और उसे तुरंत चिकित्सा मुहैया कराई गई।

सरस्वती की पारिवारिक स्थिति भी बेहद दयनीय है। कुछ वर्ष पूर्व उसकी मां का निधन हो चुका है, और पिता हत्या के आरोप में लंबे समय से जेल में बंद हैं। ऐसे में सरस्वती की देखरेख की जिम्मेदारी उसकी मात्र 18 वर्षीय बहन कायल साहू के कंधों पर आ गई है। कायल कबाड़ बीनकर अपने छोटे बहन का पालन-पोषण कर रही है।

सरस्वती की बहन कायल बोली – “मामा-मामी से मिल रही मदद, लेकिन राशन कार्ड के लिए केवाईसी बनी सबसे बड़ी बाधा”

अस्पताल में हुई बातचीत में कायल ने बताया कि उन्हें अपने मामा-मामी से आर्थिक मदद मिल रही है, साथ ही अस्पताल प्रबंधन का भी पूरा सहयोग मिल रहा है। परंतु राशन कार्ड बनवाने के लिए जरूरी केवाईसी प्रक्रिया माता-पिता के अभाव में संभव नहीं हो पा रही, जिससे भोजन की व्यवस्था एक बड़ी चुनौती बनी हुई है।