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केवल डीजे संचालकों पर नहीं, आयोजकों पर भी हो कार्रवाई,400 डीजे संचालकों पर टिका हुआ है 3000 लोगों का जीवन

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Acn18. Com.का सीजन शुरू होने के साथ कोरबा जिले के डीजे संचालकों पर प्रशासन और पुलिस की कार्रवाई के संकेत मिलने से उनकी परेशानी बढ़ गई है। कोरबा जिला डीजे संचालक संघ ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में अपनी मुश्किलों के बारे में चर्चा की। वह चाहते हैं कि किसी भी आयोजन के बाद नहीं बल्कि तुरंत कार्रवाई हो और इसमें उनके साथ आयोजकों को भी लपेटा जाए।

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गणेश उत्सव शुरू होने के साथ विभिन्न क्षेत्रों में पूजन समितियां के द्वारा अलग-अलग कार्य के सिलसिले में डीजे की सेवाएं ली गई है। इसके माध्यम से कई प्रकार की गतिविधियां संपन्न हो रही है। गणेश उत्सव जारी रहने के बीच पुलिस थाना और चौकी से डीजे संचालकों के पास फोन आ रहे हैं और उसके माध्यम से उनके सेटअप की जानकारी मांगी जा रही है इससे यह व्यवसाई परेशान है। प्रेस क्लब में पत्रकारों से बातचीत करते हुए डीजे संचालक संघ के अध्यक्ष सुनील चौहान ने बताया कि इस तरह के तमाशे से हम लोग परेशान हो चुके हैं। हम चाहते हैं कि इस मामले में जो भी परेशानी है उसके लिए तुरंत कार्रवाई होना चाहिए दो या चार दिन बाद नहीं। और इसमें हमारे साथ-साथ आयोजकों को भी निशाने पर लिया जाए।नियम पालन से संबंधित एक सवाल के जवाब में उन्होंने ध्वनि मापक यंत्र के माध्यम से तकनीकी तौर पर बताया कि साउंड के मानक क्या होते हैं और इसे आकलन करने का आधार किस तरीके से काम करता है। डीजे संचालकों पर नियम तोड़ने को लेकर जो आरोप लगाए जा रहे हैं उसका उन्होंने खंडन किया सुनील चौहान ने बताया कि कोरबा जिले में 400 डीजे संचालक है और कर्मचारियों व परिवार मिलकर 3000 लोगों का जीवन यापन इस पर टिका हुआ है। इसकी चिंता प्रशासन को करना चाहिए।मीडिया से बातचीत के दौरान डीजे संचालक संघ के विभिन्न पदाधिकारी और सदस्य उपस्थित थे

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