आपातकालीन मामलों में डायल 112 की सेवा ने 108 संजीवनी एक्स्प्रेस और 102 महतारी एक्सप्रेस की सेवा को पछाड़ दिया है। पूरे प्रदेश में लोग विषम परिस्थितियों में केवल 112 को ही याद करते है। जांजगीर जिले के ग्राम कटौद में भी कुछ ऐसा ही हुआ जहां प्रसव पीड़ा उठने पर लोगों ने 112 को याद किया जिसके बाद 112 की टीम ने प्रसव पीड़ा से कराह रही महिला को अस्पताल में भर्ती करवाया।
एक समय था जब 108 संजीवनी एक्सप्रेस लोगों के लिए संजीवनी की तरह काम करती थी। आपातकालीन मामलों में यह सेवा पहले पायदान पर थी। लेकिन बदलते समय के साथ ही लोग 108 संजीवनी और 102 महातारी एक्सप्रेस की सेवा को भूलने लगे हैं और उनके स्थान पर डायल 112 की सेवा को तवज्जो दे रहे है। कारण भी साफ है क्योंकि दोनों की सेवाओं के मामले में 112 की सेवा लोगों को तत्काल मदद पहुंचा रही है। ऐसा ही कुछ जांजगीर जिले के ग्राम कटौद में देखने को मिला जहां प्रसव पीड़ा से कराह रही महिला को 112 की सेवा ने तत्काल अस्पताल में भर्ती कराने के लिए रवाना हुए लेकिन पीड़ा अधिक होने के कारण महिला ने रास्ते में ही बच्चे को जन्म दे दिया। हालांकि उसके बाद जच्चा और बच्चा दोनों को अस्पताल में भर्ती कराया जहां दोनों की हालत खतरे से बाहर है।
डायल 112 की सेवा आज के दौर में सभी आपातकालीन सेवाओं के मामले में बीस साबित हो रही है। फोन करने के तुरंत बाद लोगों को मदद मिल जाती है इस कारण लोग 108 संजीवनी और 102 महतारी एक्सप्रेस को भूलने लगे है। स्थिती अगर ऐसी ही रही तो वो दिन दूर नहीं जब संजीवनी और महतारी एक्सप्रेस को लोग हमेशा के लिए भूल जाएंगे।
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