अगहन महीने का शुक्ल पक्ष शुरू हो गया है। जो कि 8 दिसंबर तक रहेगा। इस मार्गशीर्ष महीने में भगवान सूर्य की पूजा का भी विशेष फल बताया गया है। ग्रंथों में कहा गया है कि इस महीने रविवार को उगते हुए सूरज को जल चढ़ाने से हर तरह के दोष और पाप खत्म हो जाते हैं।
अगहन महीने में रविवार को बिना नमक खाए व्रत करने का विधान ग्रंथों में बताया गया है। ऐसा करने से कुंडली में ग्रह-नक्षत्रों के अशुभ फल में कमी आती है। 27 नवंबर को मार्गशीर्ष महीने का रविवार रहेगा।
धर्म ग्रंथों में बताया गया है कि मार्गशीर्ष महीने में सूर्योदय से पहले उठकर नहाना सेहत के लिए अच्छा होता है। इस महीने में सूर्योदय के वक्त सूर्य को जल चढ़ाने से हर तरह के रोग खत्म होने लगते हैं और उम्र भी बढ़ती है। वहीं, आयुर्वेद के जानकारों का कहना है कि सूर्योदय के वक्त सूर्य नमस्कार करने से हर तरह की बीमारियां दूर होती हैं।
कैसे चढ़ाएं जल, किन बातों का ध्यान रखें
तांबे के लोटे में जल भरें और ऊँ सूर्याय नम: मंत्र का जाप करते हुए उगते हुए सूर्य को जल चढ़ाएं। सूर्य को चढ़ने वाला जल किसी चौड़े बर्तन में गिरे। जमीन पर न गिरे, इस बात का ध्यान रखना चाहिए। इसके बाद कुछ देर सूर्य के सामने बैठकर ऊँ आदित्याय नम: मंत्र का जाप करते हुए सूर्य को प्रणाम करें।
भगवान सूर्य को चढ़ाए हुए जल को तांबे के किसी बर्तन में इकट्ठा करने के बाद मदार के पेड़ में चढ़ा दें। मदार में जल न चढ़ा पाएं तो तुलसी या ऐसे पौधे में चढ़ा दें जहां वो जल किसी के पैरों में न आएं।
रविवार को किन चीजों का दान करें
अगहन महीने के दौरान शीत ऋतु के चलते ठंड से बचने के लिए जरूरतमंद लोगों को रविवार के दिन गेहूं, गुड़, ऊनी कपड़े और कंबल का दान करना चाहिए। इस महीने के रविवार को अनाज और अन्य खाने की चीजों के दान का विधान बताया गया है। साथ ही किसी गौशाला में घास और कुछ पैसे का दान करें।
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