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सर्पदंश के मामलों में अस्पताल जाएं, बैगा के पास नहीं , सरकारी अस्पतालों में उपलब्ध है एंटी स्नेक वेनम

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ACN18.COM कोरबा / सांप के काटे का जहर उतारने को लेकर लोगों में अलग-अलग प्रकार की भ्रांतियां बनी हुई है और समय के साथ इसका दायरा बढ़ रहा है। स्वास्थ्य विभाग इस बारे में लगातार जागरूकता फैलाने में लगा हुआ है। लोगों से कहां जा रहा है कि सर्प के काटने की स्थिति में जहर का असर एंटी स्नेक वेनम से ही खत्म हो सकता है, झाड़-फूंक से नहीं। इसलिए कठिन परिस्थितियों में अस्पताल पहुंचे बैगा गुनिया के पास नहीं।

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कोरबा जिले में स्नेक रेस्क्यू का काम करने वाली दो संस्थाओं के पास प्रतिदिन 15 से 20 कॉल आ रहे हैं और ऐसे मामलों में अलग-अलग स्थान पर पहुंच कर संस्थाओं के सदस्य सापों को रेस्क्यू कर रहे हैं। यह संख्या बताती है कि कोरबा जिले में सांपों की सक्रियता कितनी ज्यादा है। इसी तरह सर्पदंश के मामले भी लगातार प्रकाश में आ रहे हैं। गांव के साथ-साथ शहर में भी इस प्रकार की घटनाएं हो रही है और लोग इससे परेशान हैं। समय के साथ लोगों की समझ विकसित हुई और वे जान बचाने के लिए उन उपायों पर ज्यादा जोर दे रहे हैं जिसका प्रचार प्रसार सरकारी तंत्र की ओर से किया जा रहा है। एंटी स्नेक वेनम के बारे में जानकारी होने के साथ पीड़ित वर्ग इसका लाभ ले रहा है। कोरबा जिले के मुख्य चिकित्सा और स्वास्थ्य अधिकारी डॉ भारत भूषण बोर्ड बताते हैं कि सभी सीएचसी और पीएचसी में एंटी स्नेक वेनम उपलब्ध है। अब कोशिश होगी कि एंबुलेंस 108 में भी हम इसे उपलब्ध कराएं।

स्वास्थ विभाग इस बात से भली-भांति अवगत है कि सर्पदंश को लेकर कई प्रकार की भ्रांतियां अभी भी समाज में बनी हुई हैं। विभाग की ओर से लोगों को जागरूक किया जा रहा है कि घटनाएं होने पर सीधे अस्पताल पहुंचे और उपचार कराएं। झाड़-फूंक के चक्कर में पड़ने से नुकसान हो सकता है।

छत्तीसगढ़ में जशपुर जिले के टपकारा मैं सर्पदंश की घटनाओं के बाद दूसरा नंबर कोरबा जिला का बना हुआ है। शताधिक प्रजातियों के सर्प जिले के अलग-अलग क्षेत्रों में मौजूद हैं। लगभग हर मौसम में इनकी उपस्थिति यहां वहां तय हो रही है। इसके साथ सर्पों का जहर लोगों पर उतर भी रहा है। जरूरत इस बात की है कि सर्प के काटने पर जहर को बेअसर करने के लिए सहि तकनीक का उपयोग किया जाए, ना कि झाड़-फूंक के रास्ते पर चला जाए.। इससे अलग कई मामलों में लोग – अब होगा न्याय- की तर्ज पर दुस्साहस दिखाने के साथ सर्पों को बंधक बनाने से भी पीछे नही रहते। हालांकि जहरीले जीव जंतुओं को इससे कोई फर्क नही पड़ता कि लोग किस तरह से भड़ास निकाल रहे है।

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