ACN18.COM रायपुर। राज्य सरकार ने गोधन न्याय योजना के अंतर्गत ख़रीदे जाने वाले गोबर के दाम बढ़ाने के संकेत दिए हैं। सरकार गोपालकों से अभी 2 रु. किलो में गोबर खरीद रही है। इसे अब 5 रु. प्रतिकिलो करने का प्रस्ताव है। वहीं भूमिहीन खेतिहर मजदूरों को सालाना दिए जाने वाले सात हजार रूपये को बढ़ाकर 10 हजार रुपये करने की तैयारी है। जल्द ही यह प्रस्ताव मंत्रिपरिषद में लाया जाएगा। सरकार का दावा है कि गोधन न्याय योजना से गोबर की खरीदी करने के बाद से प्रदेश में गोपालकों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है।
भूमिहीन खेतिहर मजदूर न्याय योजना में अब 10 हजार रु. की मदद
2021 में शुरू हुई राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना के तहत प्रत्येक भूमिहीन परिवार को सात हजार रूपये की वार्षिक मदद मिल रही है। इसके तहत 21 मई को तीन लाख 55हजार 402 हितग्रहिकों के खाते 71 करोड़ आठ लाख चार हजार राशि भेजी गई। गौठानों में अभी तक ख़रीदे गए गोबर के बदले 147.06 करोड़ रूपये का भुगतान हुआ।
एक साल में 26 प्रतिशत बढ़े गोपालक
एक साल में प्रदेश में गोवंश को पालने वालों की संख्या में 26 % तक की बढ़ोतरी हुई है। यह गोवंश की सुरक्षा की दृष्टि से सुखद संकेत है। वहीँ गोधन न्याय योजना के तहत लाभ पाने वाले लोगों की संख्या एक लाख 68 हजार 531 से बढ़कर 2 लाख 11 हजार 540 हुई है। गोधन न्याय योजना से दो लाख 11 हजार से अधिक ग्रामीण व पशुपालक किसान लाभान्वित हो रहे हैं। गोबर बेचकर अतिरिक्त आय अर्जित करने वालों में 45.79 प्रतिशत महिलाएं है। इससे एक लाख 24 हजार से अधिक भूमिहीन परिवार लाभान्वित हो रहे हैं। बहुत से लोगों का मानना है कि इस योजना से राज्य तेजी से उन्नति कर रहा है।
गौठानों से गाँव में ही बिक रहा गोबर
राज्य में अब तक 10 हजार 624 गाँवों में गौठानों के निर्माण की स्वीकृति मिल चुकी है। इनमें 8 हजार 408 गोठान निर्मित और संचालित हैं, जिनमें से तीन हजार 89 गौठानों में ग्रामीण स्वावलम्बी हो चुके हैं। स्वावलम्बी गौठानों ने अब तक स्वयं की राशि से 14 करोड़ 63 लाख रुपये का गोबर ख़रीदा है।
कृषि मंत्री रविंद्र चौबे ने बताया कि गोधन न्याय योजना सरकार की महत्वकांक्षी योजना है। गोबर के दाम और खेतिहर मजदूरों की सहायता राशि बढ़ाने पर सरकार विचार कर रही है। प्रस्ताव पर फैसला मंत्रिपरिषद में होगा।