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छत्तीसगढ़ः कॉमनवेल्थ गेम में सिल्वर मेडल जीतकर लौटी आकर्षी कश्यप, बोलीं-ओलिंपिक में गोल्ड जीतना मेरा लक्ष्य

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acn18.com भिलाई। बैडमिंटन की नई सनसनी बन चुकी आकर्षी कश्यप बुधवार को कॉमनवेल्थ गेम्स में सिल्वर मेडल जीतकर दुर्ग पहुंचीं। इस दौरान दुर्ग वासियों और कांग्रेसी नेताओं ने आकर्षी का जोरदार स्वागत किया। घरवालों ने तो देखते ही उन्हें गले से लगा लिया। इस मौके पर एक बातचीत में आकर्षी ने कहा कि उनका लक्ष्य ओलिंपिक में गोल्ड जीतना है। उसके लिए वो पूरी मेहनत करेंगी।

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आकर्षी ने कहा कि सिल्वर पदक जीतकर काफी अच्छा लग रहा है, लेकिन वो इससे संतुष्ट नहीं हैं। मैं गोल्ड मेडल लाने के लिए कॉमनवेल्थ में गई थी, लेकिन सिल्वर से ही संतोष करना पड़ा है। आगे मैं पूरी मेहनत करूंगी। जब मैं यहां से कॉमनवेल्थ के लिए जा रही थी तो दुर्ग के महापौर सहित सभी लोगों ने मुझे काफी मोटिवेट किया और शुभकामनाएं दी थीं। भारत के लिए खेल रही थी इससे मेरी जिम्मेदारी भी उतनी ही बड़ी थी।

उन्होंने बताया बर्मिंघम में भारतीय समर्थक काफी अधिक थे, वो लोग जब भारत का झंडा उठाकर मुझे अच्छा करने के लिए कहते थे तो वो देखकर मेरे अंदर एक अलग तरह का पावर आ जाता था। पूरे मैच के दौरान मेरा काफी अच्छा अनुभव रहा, जिसे मैं कभी भूल नहीं पाऊंगी।

मोबाइल से दूर रहती हैं आकर्षी
आकर्षी कश्यप ने बताया कि वह हमेशा से यही कोशिश करती थी कम से कम मोबाइल फोन का उपयोग करें। ऐसा करने से खेल के प्रति मेरा ध्यान और बढ़ता है। जो बहुत जरूरी हैं मैं उनके मैसेज का ही रिप्लाई देती हूं। इससे मैं रोजाना 6-7 घंटे प्रैक्टिस कर पाती हूं, जो मेरे खेल को और निखारता है।

आकर्षी कश्यप अपनी दादी व शुभचिंतकों के साथ

आकर्षी कश्यप अपनी दादी व शुभचिंतकों के साथ

खेल और पढ़ाई को मैनेज करना बहुत कठिन
आकर्षी का कहना है कि उसका पूरा फोकस खेल के प्रति है। ऐसे में पूरा समय प्रैक्टिस में चला जाता है। खेल और पढ़ाई दोनों को मैनेज करना काफी कठिन हो जाता है। हेमचंद विश्वविद्यालय के सुराना कालेज के टीचर इसमें मेरी काफी मदद करते हैं। जो मेरे दोस्त हैं वह बहुत सपोर्ट करते हैं, पूरे नोट्स देते हैं। इससे मैं पढ़ाई भी कर पा रही हूं। उनकी मदद से ही मैं ग्रेजुएट हो पाई हूं।
भारत की नंबर वन खिलाड़ी हैं आकर्षी
देश के लिए सिल्वर मेडल जीतकर देश के साथ प्रदेश का नाम रोशन करने वाली बैडमिंटन खिलाड़ी आकर्षी कश्यप भारत में नंबर एक और दुनिया में 57वें स्थान पर हैं। 21 वर्षीय आकर्षी कश्यप ने ब्रिटेन के बर्मिंघम में आयोजित कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 में शानदार प्रदर्शन किया है। उन्होंने अपने आपको साइना नेहवाल और पीवी सिंधु जैसी खिलाड़ियों के टक्कर में ला खड़ा किया है। आकर्षी ने 9 साल की उम्र में बैडमिंटन खेलना शुरू किया और आज इस पायदान पर पहुंची।
आकर्षी की उपलब्धियां
कॉमनवेल्थ में पदक हासिल करने के अलावा आकर्षी की उपलब्धियों की बात करें तो अंडर 15 सिंगल्स नेशनल चैंपियन, अंडर 17 और 19 सिंगल्स में दो बार नेशनल चैंपियन जैसे खिताब आकर्षी के खाते में हैं। इसके साथ ही उन्होंने खेलो इंडिया में गोल्ड मेडल, एशियन गेम्स में गोल्ड मेडल और बहरीन इंटरनेशनल चैलेंज में ब्रॉन्ज मेडल जीता है। आकर्षी कश्यप अब तक कुल 50 गोल्ड मेडल, 23 सिल्वर मेडल, 15 ब्रॉन्ज मेडल जीत चुकी हैं।

टीम इंडिया 10 महीने में छह सीरीज जीती, अब एशिया कप की बारी, पाकिस्तान और श्रीलंका को हराने की चुनौती

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