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प्रदेश के लोगों के लिए प्रोटीन की व्यवस्था:लोगों को तंदुरुस्त बनाने स्कूल, अस्पताल और आंगनबाड़ियों में दूध व अंडे बाटेंगी राज्य सरकार

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acn18.com रायपुर/प्रदेश में लोगों को तंदरुस्त रखने के लिए प्रोटीन की अधिकता पर राज्य सरकार ने काम शुरू किया है। इसलिए कृषि, स्वास्थ्य, महिला एवं बाल विकास विभाग, पंचायत, शिक्षा व सहकारिता विभाग मिलकर इस पर काम कर रहे हैं। दालों की खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है। इस वर्ष ग्रीष्मकालीन धान का लक्ष्य शून्य कर दिया गया है।

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जबकि पिछले साल दो लाख 22 हजार 170 हेक्टेयर में किसानों ने यह धान बोया था। दालों की खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है। दलहनी फसलों के रकबे में 74 हजार 140 हेक्टेयर वृद्धि की है। सीएस अमिताभ जैन व एपीसी डॉ. कमलप्रीत सिंह ने भी अफसरों की बैठक लेकर दलहन -तिलहन फसलों के लिए किसानों को प्रोत्साहित करने कहा है।

स्वास्थ्य के लिए मछली के उपयोग व म सप्लाई को लेकर मछली बैंक भी बनाए जाएंगे। सरकार को योजना आयोग की टास्क फोर्स ने बताया कि प्रदेश में 75 फीसदी रकबे में धान बोया जाता है। चावल में कार्बोहाइड्रेट तो होता है, लेकिन प्रोटीन नहीं होती है। कार्बोहाइड्रेट से ताकत तो मिल जाती है, लेकिन शरीर के सबसे महत्वपूर्ण प्रोटीन नहीं मिल पाता।

प्रोटीन वाली चीजें जैसे अरहर, चना, उड़द, मसूर, तिवरा, मटर आदि केवल 785 हेक्टेयर में बोई जाती है। जबकि दालों में दस फीसदी तक प्रोटीन होता है। इस तरह हर व्यक्ति को रोज करीब 2.2 ग्राम प्रोटीन ही मिल पा रहा है। हेल्थ सेक्रेटरी डॉ. प्रसन्ना आर का मानना है कि दरअसल इस पर कई विभागों को मिलकर काम करना है। हम सेहत का ख्याल रखेंगे तो महिला बाल विकास विभाग खाना खिलाने पर ध्यान देगा। इस तरह हर विभाग का काम अलग -अलग होगा। अच्छा प्लान है। इस पर अमल करेंगे।

दालों की पैदावार पर फोकस, मछली बैंक भी बनेंगे
इसलिए जरूरत

इंडियन काउंसिल आफ मेडिकल रिसर्च का मानना है कि ने हर इंसान को रोड 50 ग्राम प्रोटीन मिलना ही चाहिए। दालों के अलावा दूध, अंडे, मछली व मटन से भी प्रोटीन मिलता है। दूध में पांच प्रतिशत प्रोटीन होता है। इस तरह दूध से प्रतिदिन 7.9 ग्राम ,अंडे से 1.2 ग्राम प्रोटीन मिल रहा है। अंडे का उत्पादन 18554 लाख हुआ था। मांस उत्पादन 1175 हजार टन, मछली का उत्पादन 5.9 लाख मीट्रिक टन रहा। मछली से 15 प्रतिशत प्रोटीन उपलब्ध हो रहा है।

इस पर रहेगा फोकस

  • स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए नीति बनाना
  • बीमारियों के आधार पर इलाज पैकेज
  • बीमारी के अनुसार दवाओं की सूची
  • रेडी – टू- इट पैकेट में रागी, चना, तिल, मुनगा को शामिल करना
  • गरम पके खाने में भी ये चीजें देना
  • चावल -गेंहूू का आयरन व फोलिक एसिड से फोर्टिफिकेशन, आइल एवं मिल्क का विटामिन ए और डी से फोर्टिफिकेशन
  • पीडीएस के राशन के लिए धान खरीदी के समय ही स्टोरेज करने की सुविधा।

नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे की रिपोर्ट के अनुसार हमारे यहां लोगों में हिमोग्लोबिन की कमी 50 प्रतिशत तक है। बच्चों और महिलाओं के लिए तो योजनाएं हैं जो आंगनबाडिय़ों व स्कूलों में मिड-डे-मील से पूरी होती हैं लेकिन पुरुषों के लिए कुछ नहीं है। नए प्लान पर समान रूप से अमल होने पर ही सफलता मिल सकती है। फास्ट फूड के जमाने में स्वास्थ्य में परिवर्तन चिंता का विषय है। प्रोटीनयुक्त डाइट सलाह के अनुसार पूरा करने की कोशिश करेंगे।
– टीएस सिंहदेव, स्वास्थ्य मंत्री, छत्तीसगढ़

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